Wednesday, December 3, 2025
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अटॉर्नी जनरल को बता दीजिए कि…भरी अदालत में CJI गवई क्‍यों बिफरे?


Agency:एजेंसियां

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Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में दर्जनों मामलों पर रोजाना सुनवाई होती है. कई मुकदमों में फैसले भी आते हैं. समस्‍या उस वक्‍त हो जाती है, जब एक पार्टी के वकील लगातार स्‍थगन यानी एडजर्नमेंट का आग्रह करने लगते हैं. ऐसे ही एक मामले पर CJI जस्टिस बीआर गवई ने सख्‍त रुख अपनाया है.

CJI जस्टिस बीआर गवई ने ट्रिब्‍यूनल रिफॉर्म्‍स एक्‍ट से जुड़े मामले में अटॉर्नी जनरल को अल्‍टीमेटम दे दिया है. (फाइल फोटो)

Supreme Court News: ट्रिब्‍यूनल रिफॉर्म्‍स एक्‍ट की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान माहौल उस वक्‍त टेंस हो गया, जब CJI जस्टिस बीआर गवई ने लगातार तीसरी बार अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के अनुपस्थित रहने पर कड़ी आपत्ति जताई. प्रधान न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लगातार तीसरी बार अटॉर्नी जनरल सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्‍वर्य भाटी को शब्‍दों में निर्देश दिया कि वे अटॉर्नी जनरल को बता दें कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई पूरी की जाएगी, ऐसे में वे अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद रहें. सीजेआई गवई की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सोमवार 10 नवंबर 2025 को इस मामले को क्‍लोज कर दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट, 2021 की संवैधानिक वैधता को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा एक बार फिर स्थगन की मांग किए जाने पर CJI जस्टिस गवई ने कड़ा रुख अपनाया. CJI ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को मेरे रिटायर होने के बाद ही करवाना चाहती है. मामला विभिन्न प्रमुख ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति और उनके कार्यकाल एवं प्रक्रियाओं से जुड़ा है. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि मौजूदा व्यवस्था ट्रिब्यूनलों की स्वतंत्रता को प्रभावित करती है, क्योंकि नियुक्तियों में कार्यपालिका (Executive) की भूमिका बहुत अधिक है. सीजेआई की बेंच ने एएसजी ऐश्‍वर्य भाटी से रूबरू होते हुए स्‍पष्‍ट शब्‍दों में पूछा कि अगर आप नहीं चाहतीं कि हम सुनवाई करें, तो स्पष्ट कह दें.

CJI क्‍यों हुए नाराज

दरअसल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई न करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने 7 नवंबर की तिथि पहले ही तय कर रखी थी. ASG ने कोर्ट को बताया कि अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में व्यस्त हैं. इस पर CJI जसिटस गवई ने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी. ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई जस्टिस गवई ने कहा, ‘अगर आप नहीं चाहते कि हम सुनें और फैसला दें, तो बस बता दें. ऐसा लगता है कि आप चाहते हैं कि यह मामला 24 नवंबर के बाद सुना जाए.’ सीजेआई जस्टिस गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. CJI की पीठ ने यह भी कहा कि अदालत ने AG को तीन बार समय दिया, लेकिन हर बार यही बताया गया कि वे व्यस्त हैं. CJI जस्टिस गवई ने कहा, ‘आपके पास कई ASG हैं, कोई और इस मामले में बहस कर सकता है.’

ASG देती रह गईं दलील

ASG ऐश्‍वर्य भाटी ने बताया कि AG व्यक्तिगत रूप से यह मामला देख रहे हैं, लेकिन CJI ने इस पर भी आपत्ति जताई और कहा कि तीन बार स्थगन के बावजूद AG कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं. CJI जस्टिस गवई ने 2 नवंबर की आधी रात को केंद्र द्वारा दाखिल उस अर्जी का भी उल्लेख किया जिसमें इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, ‘पहले आप स्थगन मांगते रहते हैं और फिर रात में अर्जी देते हैं कि मामला संविधान पीठ को भेजा जाए. यह अदालत के साथ न्यायपूर्ण रवैया नहीं है.’ बता दें क‍ि 3 नवंबर की सुनवाई के दौरान भी CJI ने केंद्र के रवैए को लेकर नाराज़गी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं की बहस पूरी हो जाने के बाद आप संविधान पीठ भेजने की मांग नहीं कर सकते.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु… और पढ़ें

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