सतना शहर में बुधवार शाम अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा भगवान श्री जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली गई। धार्मिक उल्लास, श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। जयस्तंभ चौक से प्रारंभ हुई यात्रा हरे कृष्
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रथ यात्रा शाम 5 बजे जयस्तंभ चौक से शुरू हुई। भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम को सजाए गए हाइड्रॉलिक रथ पर विराजमान किया गया। श्रद्धालुओं ने बारी-बारी से रथ खींचकर पुण्य लाभ लिया। जगह-जगह पुष्पवर्षा और आरती के साथ भगवान की पूजा-अर्चना की गई।

‘हरे कृष्ण’ के कीर्तन से गूंजा शहर यात्रा स्टेशन रोड, सर्किट हाउस चौक, ओवरब्रिज, सिविल लाइन, पन्ना रोड होते हुए हरे कृष्ण मार्ग स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंची। मार्ग भर भजन-कीर्तन और संकीर्तन की लहरियों ने माहौल को कृष्णमय कर दिया। ‘जय जगन्नाथ’ और ‘हरे कृष्णा’ के नारों से पूरा शहर गूंज उठा।
भगवान ने अयोध्या से आई विशेष पोशाक धारण की मंगलवार को भगवान जगन्नाथ ने 15 दिनों के विश्राम के बाद नयन उत्सव के साथ भक्तों को दर्शन दिए। बुधवार को भगवान ने अयोध्या से मंगाई गई विशेष पोशाक धारण की और सुसज्जित रथ पर नगर भ्रमण किया। भगवान के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

संतों और संस्थाओं की रही भागीदारी कार्यक्रम में इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष व म.प्र. प्रभारी परम पूज्य महामन दास जी, रीजनल सेक्रेटरी प्राणेश्वर दास, हिंदू पर्व समन्वय समिति, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, विंध्य चेंबर ऑफ कॉमर्स, अनुभूति फाउंडेशन सहित कई सामाजिक, धार्मिक व व्यापारिक संस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए।
प्रसाद वितरण और भजन-कीर्तन से हुआ समापन यात्रा के दौरान जगह-जगह भगवान का महाप्रसाद वितरित किया गया। इस्कॉन संतों द्वारा भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
