सांकेतिक फोटो
बीते सोमवार(10 नवंबर 2025) को दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी काफी सुर्खियों में है। इस यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को आतंकी गतिविधियों के तहत अरेस्ट किया गया है। मुजम्मिल की निशानदेही से हाल में फरीदाबाद में लगभग 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया है। मुजम्मिल अल फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल फिजिशियन था। ऐसे में आप सभी के मन में इस संस्थान की MBBS की फीस को लेकर भी सवाल आया ही होगा कि आखिर अल फलाह यूनिवर्सिटी में MBBS की फीस कितनी है। आइए इस खबर के जरिए इस सवाल के जवाब को जानते हैं।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में कितनी है MBBS की फीस?
- अल फलाह यूनिवर्सिटी में MBBS की एक साल की फीस 16 लाख 37 हजार रुपये है।
- 4 साल तक फीस, प्रत्येक वर्ष की फीस 16 लाख 37 हजार रुपये है।
- वहीं, पांचवे वर्ष की फीस 9 लाख रुपये है।
- इसके अलावा हॉस्टल में फूडिंग और लॉजिंग, दोनों की फीस 293000 रुपये है।
कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है यूनिवर्सिटी
सूत्रों के अनुसार, अल फलाह यूनिवर्सिटी कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है। अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट ने विदेशी फंडिंग से जुड़े सभी आरोपों को खारिज किया है। ट्रस्ट ने कहा कि उसे किसी भी प्रकार की विदेशी फंडिंग नहीं मिलती। ट्रस्ट के मुताबिक आय का एकमात्र जरिया यूनिवर्सिटी की फीस है। अल फलाह ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बिना कैमरे के बताया कि यूनिवर्सिटी छात्रों से मिलने वाली फीस पर चलती है। अल फलाह यूनिवर्सिटी को अल फलाह ट्रस्ट चलाता है।
अल-फलाह ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी
सोर्सेज के अनुसार, अल-फलाह ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी जवाद अहमद सिद्दीकी हैं। जवाद मूल रूप से मध्य प्रदेश के महू के रहने वाले हैं। जवाद ने 1995 में महू में ही ट्रस्ट की स्थापना की थी। जवाद ने एक इन्वेस्टिंग कंपनी भी शुरू की थी, लेकिन कंपनी में कथित घोटाले के बाद वह फरार हो गए थे। जवाद अहमद सिद्दीकी मुख्य ट्रस्टी होने के साथ ही यूनिवर्सिटी का चांसलर भी हैं।
- जवाद अहमद सिद्दकी (चेयरमैन)
- सूफियान अहमद सिद्दकी (सदस्य), जवाद अहमद सिद्दकी का भाई है।
- उसमा अख्तर (सदस्य), जवाद अहमद सिद्दकी की रिश्तेदार है।
- शिमा सिद्दकी (सदस्य), जवाद अहमद सिद्दकी की रिश्तेदार है।
हालांकि, यूनिवर्सिटी ने फरीदाबाद मॉड्यूल केस में हिरासत में लिए गए डॉक्टरों से किसी भी तरह का ताल्लुक होने से साफ इनकार कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने भ्रामक रिपोर्ट्स की कड़ी निंदा की और आरोपों को बेबुनियाद व मानहानिकारक बताया। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि कैंपस की लैब में कोई केमिकल या गैर-कानूनी सामग्री इस्तेमाल नहीं होती। उन्होंने साफ किया कि यूनिवर्सिटी की लैब सिर्फ MBBS ट्रेनिंग के मकसद से इस्तेमाल होती हैं। अल-फलाह ग्रुप ने इस घटना पर गहरी हैरानी जताई और मीडिया से जिम्मेदार रिपोर्टिंग की अपील की।
2015 में मिली थी मान्यता
अल-फलाह यूनिवर्सिटी वर्ष 2014 में बनी थी। अल-फलाह विश्वविद्यालय को UGC ने 2015 में मान्यता प्रदान की थी। अल-फलाह विश्वविद्यालय को अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट चलाता है। बता दें कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का परिसर लगभग 70 एकड़ में फैला हुआ है।
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