दरभंगा के मेट्रो हॉस्पिटल में मंगलवार को मरीज के परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच हंगामा हुआ। परिजन का आरोप है कि अस्पताल ने ऑपरेशन का खर्च पहले 40 से 45 हजार रुपए बताया था, लेकिन अब 1.20 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं।
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सचिन कुमार ने बताया कि मेरी बहन बेबी देवी पिछले 8 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं। आईवीएफ से बच्चा हुआ था। पहले अस्पताल ने ऑपरेशन का खर्च 45 हजार बताया था। अब डिस्चार्ज के समय 1.20 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। जब परिजन मरीज को लेने पहुंचे तो अस्पताल ने जबरन बाहर निकाल दिया। स्टाफ डंडा लेकर आ गया। बच्चा पटना में भर्ती है। वहां के डॉक्टरों ने मां को बुलाया है। इसलिए बहन को लेने आए थे।
मामले को सुलझाने पहुंची डायल-112 की पुलिस।
खर्च बढ़ने की जानकारी नहीं दी गई
रूपेश ने बताया कि मेरी चाची 8 दिन से भर्ती हैं। चाचा और दादा ने डॉक्टर से बात कर 40 से 45 हजार रुपए खर्च तय किया था। बच्चा पटना रेफर हो गया। वहां के डॉक्टरों ने मां को बुलाया है। जब डिस्चार्ज कराने आए तो अस्पताल ने 1.20 लाख रुपए मांगे। कोई जानकारी नहीं दी गई कि खर्च बढ़ेगा। एक महिला नर्स डंडा लेकर आई। स्टाफ ने चाचा का कॉलर पकड़ लिया। जबरन बाहर निकाल दिया।
रामदयाल यादव ने कहा कि डॉक्टर से बात हुई थी। खर्च 45 हजार बताया गया था। इस पर सहमति थी। अगर खर्च बढ़ा तो पहले जानकारी देनी चाहिए थी। अस्पताल प्रबंधन ने कुछ नहीं बताया। जब हमलोगों को बाहर निकाला गया तो 112 पर कॉल किया गया। पुलिस टीम आई। डॉक्टर से बात की। पुलिस ने कहा कि जो छूट हो सकती है, दीजिए। मरीज को परिजन को सौंपिए।
महिला के पति छोटू कुमार ने कहा कि 40 से 45 हजार रुपए देने को तैयार हैं। इससे ज्यादा नहीं दे सकते। बच्चा पटना में भर्ती है। वहां रोज 18 हजार रुपए खर्च हो रहा है। मैं उससे ज्यादा देने के लिए सक्षम नहीं हूं। ।
अस्पातल प्रबंधन ने अपना पक्ष नहीं रखा
जब अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। डॉक्टर ने बात करने से मना कर दिया। मैनेजर ने भी अपना पक्ष नहीं रखा।
लहेरियासराय थानाध्यक्ष अमीत कुमार ने बताया कि डायल-112 की टीम हंगामा की सूचना पर गई थी। दोनों पक्ष में से किसी पक्ष से अब तक आवेदन नहीं मिला है। आवेदन प्राप्त होने पर अनुसंधान कर कार्रवाई की जायेगी।