अहमदाबाद5 घंटे पहलेलेखक: जिग्नेश कोटेचा
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अहमदाबाद प्लेन क्रैश में एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार (सफेद टी-शर्ट और ब्लैक पेंट में)।
अहमदाबाद विमान हादसे को डेढ़ महीना हो गया है, लेकिन कई पीड़ित परिवार अभी भी 270 लोगों की जान लेने वाली इस त्रासदी के सदमे से उबर नहीं पाए हैं।
कुछ ऐसा ही हाल विमान हादसे में इकलौते बचे शख्स विश्वास कुमार भालिया का है, जिन्होंने हादसे में अपने भाई अजय को अपनी आंखों के सामने मरते देखा।
विश्वास अब तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं। उनके परिवार का कहना है कि विश्वास को नींद नहीं आती। रात-रातभर जागते रहते हैं। इस वजह से उसका एक छोटे बच्चे की तरह हर समय ध्यान रखना पड़ रहा है। परिवार के अलावा दोस्त भी लगातार उनका हौसला बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

यह फुटेज 12 जून की है। विश्वास (लाल घेरे में) प्लेन क्रैश वाली जगह से बाहर आते हुए।
पिता बोले- अपने कमरे से बाहर नहीं निकलता है विश्वास
- मानसिक आघात पहुंचा: दिव्य भास्कर ने विश्वास के पिता रमेशभाई भालिया से फोन पर बात की तो उन्होंने भी बेटे की हालत को लेकर चिंता जताई। बताया, ‘ बेटा विश्वास अपने कमरे तक ही सीमित होकर रह गया है। वह ज्यादातर समय वहीं बिताता है। उसे मानसिक आघात पहुंचा है, जिससे वह अब तक उबर नहीं पाया है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसने अपनी आंखों से कितना भयावह दृश्य देखा था।’ उन्होंने बताया, ‘हादसे में सगे भाई की भी मौत हो गई। दोनों भाई जिगरी दोस्त की तरह रहा करते थे। यहां तक कि लंदन से भारत भी साथ ही आया-जाया करते थे। पूरा परिवार तनाव में है। पत्नी भी बीमार है और बेटे की चिंता में उसका भी खाना-पीना छूट गया है। एक बेटे की मौत हो गई है और दूसरा बेटा सदमे में है तो आप समझ सकते हैं कि परिवार की हालत कैसी होगी।’
- आधी रात को जाग जाते हैं: चचेरे भाई सनी ने बताया, “विश्वास अभी तक सदमे से उबर नहीं पाया है। देर रात तक उसे नींद ही नहीं आती। अगर सोता भी है तो चौंककर नींद से जाग जाता है और फिर दोबारा नहीं सोता। हम उसे इलाज के लिए मनोचिकित्सक के पास भी ले जा चुके हैं। हमारे रिश्तेदार और कई अन्य लोग के लगातार कॉल्स आते रहते हैं, लेकिन विश्वास किसी से बात नहीं करता।” विश्वास मीडिया से दूर रहते हैं। दिव्य भास्कर की टीम ने किसी तरह विश्वास से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, ‘अभी मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, हम शांति से सारी बातें करेंगे।’

हादसे के एक दिन बाद 13 जून को PM मोदी ने अस्पताल में विश्वास भालिया से मुलाकात की थी।
मौसी बोली- 6-7 महीने दीव और 4-5 महीने लंदन में रहते थे

विश्वास भालिया की मौसी रमाबेन भालिया।
विश्वास भालिया की मौसी रमाबेन भालिया ने दिव्य भास्कर को बताया कि विश्वास और अजय के पिता रमेशभाई बावाभाई भालिया 25 साल से लंदन में रह रहे थे। रमेशभाई के चार बेटे विश्वास, अजय, सनी और नयन हैं। सभी लंदन में ही रहते हैं। विश्वास और अजय शादीशुदा हैं और उनकी पत्नियां और बच्चे भी लंदन में रहते हैं।
विश्वास और अजय की दीव में गारमेंट की दुकान थी, लेकिन कोरोना काल में वह बंद हो गई तो उन्होंने फिशिंग बोट खरीद ली थी। इसके चलते दोनों भाई ठंड से गर्मी के मौसम तक दीव में पैतृक घर पर रहते थे। मानसून की शुरुआत में लंदन लौट जाते थे। विश्वास और अजय हर साल 6-7 महीने से दीव और चार-पांच महीने लंदन में रहते थे।
विमान हादसे में जीवित बचे विश्वास का एक तीन साल का बेटा है। वहीं, उनके भाई अजय की दो बेटियां थीं, जिनकी लंदन में बीमारी के चलते मौत हो चुकी है। अन्य भाई और माता-पिता लंदन में रहते हैं और सभी अब ब्रिटिश नागरिक हैं।

उड़ान के कुछ देर बाद ही प्लेन बीजे मेडिकल कॉलेज एंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था।
270 लोगों की मौत हुई थी प्लेन हादसे में बीती 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसी दौरान प्लेन क्रैश हो गया था। प्लेन में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे।
विमान दुर्घटना में न केवल उसमें सवार लोगों की मौत हुई, बल्कि अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों की भी जान चली गई थी। क्योंकि, विमान मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराया था। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया।

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