आगर-मालवा में मंगलवार को ग्रामीण अंचल के किसानों ने सिंचाई सुविधाओं की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। सैकड़ों किसान जिला पंचायत कार्यालय से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपर कलेक्टर आर.पी. वर्मा को कलेक्टर के नाम ज्ञापन दिया।
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ज्ञापन में किसानों ने बताया कि बापचा बांध और कुण्डलिया डेम प्रेशराइज्ड पाइपलाइन परियोजना क्षेत्र के कई गांव अब भी सिंचाई से वंचित हैं। इनमें काशी बरडिया, तोलाखेड़ी, पाचारुडी, अहीर बरडिया, नवरल, मोयाखेड़ा, महूड़िया, सालरी, आमला, निपानिया बैजनाथ और भानपुरा जैसे दर्जनों गांव शामिल हैं। ये गांव कृषि भूमि डूब क्षेत्र और परियोजना क्षेत्र में आते हुए भी सिंचाई का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
किसान बोले- डेम में पर्याप्त पानी, लेकिन पाइपलाइन निर्माण अधूरा
किसानों ने आरोप लगाया कि कुण्डलिया डेम में पर्याप्त पानी उपलब्ध है, लेकिन पाइपलाइन का निर्माण अधूरा होने और कई गांवों को लाइन से न जोड़ने के कारण हजारों किसान पानी के लिए तरस रहे हैं।
इसके अलावा, डब्ल्यूआरडी विभाग द्वारा बनाए गए बोरखेड़ी, बिजनाखेड़ी, पिपल्याखाल, डंडेड़ा तालाब, लक्ष्मणखेड़ी और कीटखेड़ी जैसे तालाबों में हर साल पानी रहता है, लेकिन नहरें और पाइपलाइन अधूरी होने से यह पानी बेकार बह जाता है।
किसानों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री ने भी पिछड़े गांवों को परियोजना से जोड़ने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश है।

उग्र आंदोलन करने की चेतावनी
ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि परियोजना के लाभ से वंचित गांवों को शीघ्र नहीं जोड़ा गया, तो प्रभावित क्षेत्र के किसान उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। किसानों ने शासन से विशेष पैकेज जारी कर इन गांवों को प्राथमिकता के आधार पर सिंचाई लाइन से जोड़ने की मांग भी की।

किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि सिंचाई सुविधा खेती का आधार है। यदि सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए, तो रबी सीजन की फसलें प्रभावित होंगी और किसान आर्थिक संकट में आ जाएंगे। ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में क्षेत्रीय किसान मौजूद थे।

