अहमदाबाद44 मिनट पहले
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आसाराम को 2013 के एक दुष्कर्म केस में उम्रकैद की सजा मिली है और वह मेडिकल ग्राउंड पर फिलहाल जमानत पर है।
गुजरात हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे धर्मगुरु आसाराम की अस्थायी जमानत एक और महीने के लिए बढ़ा दी है। आसाराम को 2013 के एक दुष्कर्म केस में उम्रकैद की सजा मिली है और वह मेडिकल ग्राउंड पर फिलहाल जमानत पर है। गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार (1 जुलाई) को राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत को 9 जुलाई तक बढ़ा दिया है।
तीन महीने की जमानत मांगी थी जस्टिस ईलेश वोरा और पीएम रावल की पीठ ने आसाराम की जमानत में एक महीने की और मोहलत दी। इससे पहले कोर्ट ने 28 मार्च को उन्हें अस्थायी जमानत दी थी, जो 30 जून को समाप्त हो रही थी। कोर्ट ने पहले 7 जुलाई तक अंतरिम जमानत दी थी। हालांकि, आसाराम के वकील ने कोर्ट से तीन महीने का और समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया कि सिर्फ एक महीने की ही मोहलत दी जा रही है और यह आखिरी एक्सटेंशन है।

सुप्रीम कोर्ट से मिली थी अंतरिम राहत सुप्रीम कोर्ट ने 86 वर्षीय आसाराम को 31 मार्च तक मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी और निर्देश दिया था कि आगे की राहत के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका लगा सकता है। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दो जजों की भिन्न राय आने पर मामला तीसरे जज को सौंपा गया था, जिन्होंने उन्हें तीन महीने की अस्थायी जमानत दी थी।

क्या है पूरा मामला? गांधीनगर की अदालत ने जनवरी 2013 में आसाराम को एक महिला शिष्या के साथ लगातार दुष्कर्म करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पीड़िता सूरत की रहने वाली थी और 2001 से 2006 के बीच अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में रहती थी। उसी दौरान उसने आरोप लगाया कि आसाराम ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया।
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रेप के केस के मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम से उसका बेटा नारायण साईं 11 साल बाद मिला। नारायण साईं ने गुजरात कोर्ट में याचिका दायर कर मिलने की अनुमति मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने 5 दिन की अंतरिम जमानत देते हुए उसके खर्च पर पुलिस गार्ड की व्यवस्था के आदेश दिए थे। पूरी खबर पढ़ें…