Tuesday, December 2, 2025
Homeदेशइंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग 2025 का होने वाला है आगाज़, इंडियन नेवी है...

इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग 2025 का होने वाला है आगाज़, इंडियन नेवी है तैयार, समग्र समुद्री सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने पर होगा फोकस,


Last Updated:

INDO-PACIFIC REGIONAL DIALOGUE: भारतीय नेवी समंदर में दुनिया को लीड करने के तेजी से खुद को तैयार कर रही है. इंडो-पेसेफिक एरिया में एक भरोसेमद नेवी के तरह से दुनिया में जानी जाती है. प्रधानमंत्री मोदी का तरफ से SAGAR और MAHASAGAR प्रोग्राम ने भारत की पहुंच सात समंदर पार तक पहुंचा दिया है. भारत सिर्फ मित्र देशों की नहीं बल्कि उन सभी देश की मदद करने में नहीं हिचकिचाता जिससे रिश्ते तलख ही क्यों ना हो.

ख़बरें फटाफट

इंडो-पेसेफिक पर होगा मंथन

INDO-PACIFIC REGIONAL DIALOGUE: इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (IPRD) भारतीय नौसेना का एक अंतरराष्ट्रीय, उच्च-स्तरीय सम्मेलन है, जो हर वर्ष आयोजित किया जाता है. यह सम्मेलन नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा. IPRD के प्रत्येक संस्करण का उद्देश्य “इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव” (IPOI) के स्तंभों पर क्रमिक रूप से ध्यान केंद्रित करना है. यह पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 4 नवंबर 2019 को बैंकॉक में 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लॉन्च की गई थी. इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय नौसेना और नेशनल मेरिटाइम फाउंडेशन (NMF) संयुक्त रूप से करते हैं.

इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (IPRD) का ढांचा IPOI के सात प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:

  • मेरिटाइम सिक्योरिटी (Maritime Security)
  • मरीन इकोलॉजी (Marine Ecology)
  • मरीन रिसोर्सेज (Marine Resources)
  • ट्रेड कनेक्टिविटी और मेरिटाइम ट्रांसपोर्ट (Trade Connectivity & Maritime Transport)
  • क्षमता निर्माण और संसाधन साझेदारी (Capacity Building & Resource Sharing)
  • आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन (Disaster Risk Reduction & Management)
  • विज्ञान, तकनीक और अकादमिक सहयोग (Science, Technology & Academic Cooperation)
  • सभी स्तंभ आपस में जटिल रूप से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे का पूरक हैं

इस डायलॉग में भारत के अलावा यूके, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, फ्रांस, इंडोनेशिया, जापान, अमेरिका, जर्मनी, नीदरलैंड, बांग्लादेश, इटली और सिंगापुर के साथ-साथ यूरोपीय संघ (EU) और ग्रीस भी इस फ्रेमवर्क से जुड़ सकते हैं. इस प्रकार, IPOI भारत की समुद्री नीति को प्रथम-स्तरीय विशिष्टता प्रदान करता है, जिसे संक्षेप में MAHASAGAR कहा गया है, जिसका अर्थ है क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति”. महासागर” शब्द हिंदी में भी महासागर का पर्यायवाची है, जो इस पहल के उद्देश्य के साथ गहराई से मेल खाता है. IPRD के प्रत्येक संस्करण का उद्देश्य IPOI को द्वितीय और तृतीय-स्तरीय विशिष्टता प्रदान करना है.

समुद्री स्थिरता और समग्र विकास होगी इस वर्ष की थीम

इस साल का संस्करण IPRD-2025 इस पर केंद्रित होगा कि क्षेत्रीय उपायों के माध्यम से समुद्री स्थिरता, सुरक्षा और विकास को क्षमता निर्माण और क्षमता वृद्धि के ज़रिए कैसे प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया जा सकता है. जैसा कि पिछले संस्करणों में देखा गया है, IPRD-2025 में इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र के विविध पहलुओं पर विश्व-प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा व्यापक और बहुआयामी चर्चाएँ की जाएंगी. इस मेगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रजेंटेशन और विचार-विमर्श केवल मौजूदा समुद्री समस्याओं की पुनरावृत्ति तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि वे विशिष्ट समाधान तलाशने पर केंद्रित होंगे. ये समाधान राष्ट्रीय, उप-क्षेत्रीय और पैन-क्षेत्रीय स्तरों पर समुद्री नीति निर्माण और क्रियान्वयन में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, ताकि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की चुनौतियों और आकांक्षाओं का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सके.

homenation

इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग 2025 का होने वाला है आगाज़, इंडियन नेवी है तैयार



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments