वैसे तो इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक की समस्याओं को दूर करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, लेकिन इस हेल्पलाइन नंबर पर ट्रैफिक की समस्याओं के साथ ही लोगों द्वारा दूसरे विभागों की शिकायतें की जा रही है, जिसके चलते इस नंबर को हैंडल करने वाले भी
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4 नवंबर तक 772 शिकायतें इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने 22 सितंबर 2025 से ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ये नंबर है 7049107620 जिस पर रोजाना करीब 20 से ज्यादा शिकायतें आ रही है। इसमें कई शिकायतें तो ट्रैफिक की समस्याओं से संबंधित रहती है, लेकिन कुछ समस्याएं दूसरे विभाग की तो कुछ तो ऐसी है कि जिसका किसी से कुछ लेना-देना ही नहीं होता हैं।
आंकड़ों की बात करें तो 4 नवंबर तक 772 शिकायतें इस हेल्प लाइन नंबर पर आ चुकी हैं। जिसमें से 754 शिकायतों का निराकरण किया गया था, जबकि 18 शिकायतें लंबित थी। शिकायत आने के बाद उसे सुनकर पहले रजिस्टर में नोट किया जाता है, जिसके बाद उसे कम्प्यूटर में अपडेट किया जाता है। इसमें तारीख, नंबर, शिकायतें, किसे बताया गया, शिकायत की स्थिति आदि जानकारी दर्ज की जाती है। निराकरण होने पर उसकी जानकारी भी इसमें अपडेट की जाती है। जो शिकायतें दूसरे विभाग की रहती है उन विभागों को भी इन शिकायतों की जानकारी दे दी जाती है।
पुलिस ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर।
तीन पुलिसकर्मी हैंडल करते हैं नंबर, जाम-अवैध पार्किंग की ज्यादा शिकायतें ट्रैफिक पुलिस के इस हेल्पलाइन नंबर पर संबंधित व्यक्ति कॉल करके, वॉट्सऐप पर मैसेज करके, वॉट्सऐप पर वीडियो या फोटो भेजकर करते हैं। हेल्पलाइन नंबर पर अगर शिकायतों की बात करें तो इस पर अवैध पार्किंग, सिग्नल में टेक्निकल प्रॉब्लम, ट्रैफिक जाम, ई-चालान के ऑनलाइन पेमेंट की प्रॉब्लम, फुटपाथ सड़क पर अतिक्रमण, दुकानों के बाहर गाड़ियों की भीड़ से ट्रैफिक में प्रॉब्लम, लेफ्ट टर्न में बाधा जिसे शिकायत सामान्य रूप से आती है।
हेल्पलाइन नंबर की शिकायतों को हैंडल करने के लिए तीन पुलिसकर्मी इसी काम में लगा रखे हैं, जो अलग-अलग समय पर ड्यूटी करते है। ये तीनों पुलिसकर्मी इंदौर के पुश्चिम ट्रैफिक कंट्रोल रूम पर बैठते हैं। इसमें एक है एएसआई ऋतुराज यादव, कॉन्स्टेबल निकिता मेवाड़ा, कॉन्स्टेबल श्रद्धा सिंह। इसमें श्रद्धा सिंह सुबह से समय और निकिता शाम के समय हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली शिकायतों को सुनती है, जबकि एएसआई आने वाली शिकायतों पर नजर रखते हैं और मॉनिटरिंग करते हैं। वरिष्ठ अधिकारी पूरा मार्गदर्शन करते हैं।

ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम पश्चिम। यहां आती हैं हेल्पलाइन नंबर की शिकायत।
ऐसे होता है शिकायतों का निराकरण हेल्पलाइन नंबर पर कॉल पर आने वाली शिकायत को ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मी द्वारा सुना जाता है और उनकी शिकायत को प्रॉपर जवाब दिया जाता है। शिकायत की डिटेल ली जाती है। इसके बाद समस्या को तुरंत नोट किया जाता है। अगर जाम की शिकायत रहती है तो तुरंत ही कंट्रोल रूम पर इसकी जानकारी दी जाती है कंट्रोल रूम से संबंधित लोकेशन के पास के पुलिसकर्मी या अधिकारी को इसकी सूचना देकर मौके पर भेज दिया जाता है, ताकि उस समस्या का निराकरण हो सके।
अगर अवैध पार्किंग की शिकायत आती है तो पुलिस की क्रेन या स्पॉट वाहन को इसकी जानकारी दी जाती है ओर समस्या का निराकरण कराया जाता है। अगर ट्रैफिक नियमों के वॉयलेशन की शिकायत होती है अगर संबंधित गाड़ी का फोटो या वीडियो होता है तो गाड़ी के नंबर के आधार पर संबंधित व्यक्ति से संपर्क किया जाता है आगामी कार्रवाई की जाती है। वहीं कुछ शिकायतों में सूबेदार, टीआई स्तर के अधिकारी को भेजा जाता है।

इस तरह लोगों द्वारा की जाती है शिकायत।

शिकायतों को सुनने के बाद पुलिसकर्मी को या कंट्रोल रूम के माध्यम से जानकारी दी जाती है।
ऐसी अजीबोगरीब शिकायतें भी हेल्पलाइन नंबर पर कई अजीबोगरीब शिकायतें भी आती है। इसमें एक व्यक्ति ने एक वीडियो हेल्पलाइन नंबर भेजा, जिसमें एक व्यक्ति बाइक पर स्टंट करता नजर आ रहा है। हालांकि ये वीडियो कहा का है, किस समय का है। संबंधित व्यक्ति के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं भेजी गई। ऐसे ही बुधवार को एक नंबर से हेल्पलाइन नंबर पर एक वीडियो भेजा गया।
जिसमें एक युवक रास्ते से सांप को हटाते हुए नजर आ रहा है। वहीं एक व्यक्ति ने कुछ गुमटियों के फोटो भेजे और जल्दी कार्रवाई करने की बात लिखी। इस पर हेल्पलाइन नंबर से जानकारी दी है कि उनके द्वारा नगर निगम को इसकी जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा भी अलग-अलग शिकायतें आती हैं।

एडिशनल डीसीपी संतोष कुमार कौल।
कई बार अनावश्यक शिकायतें भी मिलती है एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक संतोष कुमार कौल ने बताया कि 22 सितंबर से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, ताकि लोग उस पर अपनी शिकायतें बता सके और हम उसका निराकरण कर सके। यातायात से संबंधित जो शिकायतें है उसमें सबसे ज्यादा पार्किंग को लेकर जानकारी ली जाती है। ठेले-गुमटियों द्वारा अतिक्रमण की शिकायतें, तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की, गलत पार्किंग करने की शिकायतें आती है। रोजाना करीब 15 से 20 शिकायतें आती हैं। हमारी सेल है संबंधित पुलिसकर्मी, अधिकारी इसका निराकरण करते हैं। शिकायत मिलने पर हम सबसे पहले एरिया को चिह्नित करते है, संबंधित बीट वाले जिसमें आरक्षक से लेकर टीआई तक रहते है उन्हें इसकी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर क्रेन, स्पोर्ट को भी जानकारी दे देते हैं। जिसके बाद समस्या का निराकरण कराया जाता है। कई बार ऐसी शिकायतें भी भेजी जाती है, जो हमारे विभाग से संबंधित नहीं रहती हैं। ऐसी शिकायतों की जानकारी संबंधित विभाग को दे दी जाती है। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि पूर्व और पश्चिम थानों पर 4 क्रेन और 8 स्पोर्ट (टू व्हीलर उठाने वाली गाड़ी) है। यानी हर जोन में 1 क्रेन और 2 स्पोर्ट गाड़ियां हैं। इसके अलावा पश्चिम में करीब 302 का स्टाफ है, वहीं पूर्व में करीब 360 से ज्यादा का स्टाफ है।

