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Udaipur Files Film: उदयपुर फाइल्स फिल्म को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हम बीच में नहीं आना चाहते हैं.
हाइलाइट्स
- उदयपुर फाइल्स फिल्म पर रोक की मांग पर सुनवाई शुरू.
- कोर्ट ने कहा कि हम बीच में नहीं आना चाहते.
- फिल्म निर्माता और याचिकाकर्ता के वकील पेश हुए.
आरोपी के वकील ने कहा कि फिल्म निर्माता ने साफ तौर पर कहा है कि फिल्म चार्जशीट पर आधारित है. डायलॉग सीधे चार्जशीट से लिए गए हैं और मैं इस पर फैसले समेत विस्तार से बात करूंगा. याचिकाकर्ता आरोपी जावेद की ओर से वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि अभी 160 गवाहों की जांच होनी बाकी है. आरोपी अनुच्छेद 21 के तहत निष्पक्ष ट्रायल का हकदार है. पहला तर्क यह है कि इस फिल्म के रिलीज होने से निष्पक्ष ट्रायल का अधिकार खतरे में पड़ गया है.
सिनेमैटोग्राफ एक्ट के तहत उल्लंघन
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कही ये बात
वकील गुरुस्वामी ने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था सत्य तक पहुंचने के लिए है. इसके लिए आवश्यक है कि कोई भी भागीदार किसी भी तरह से पूर्वाग्रही न हो. इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम बीच में नहीं आना चाहते. हम आपके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और सामग्री की जांच करेंगे. लगभग तीन प्रस्तावों में निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का हनन नहीं किया गया है, लेकिन आपको यह स्पष्ट करना होगा कि कोर्ट की अवमानना का वास्तव में क्या अर्थ है?.