नई दिल्ली9 मिनट पहले
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‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ इवेंट भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने ऑर्गनाइज किया था।
डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार को कहा- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर एक थी और दुश्मन तीन। पाकिस्तान मोर्चे पर था। उसके पास 81% सैन्य हार्डवेयर चीनी हैं। चीन पाकिस्तान की हरसंभव मदद कर रहा था। उसने हमें हथियारों की लैब टेस्टिंग के तरह इस्तेमाल किया।
तुर्किये ने भी बैरेक्टर समेत दूसरे ड्रोन दिए। ऑपरेशन सिंदूर ने हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए। यह एक ऐसा संघर्ष था, जिसने मॉडर्न वॉरफेयर की कठिनाइयों को उजागर किया।
डिप्टी COAS ने कहा- DGMO लेवल पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान को हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों के लाइव अपडेट मिल रहे थे। इसलिए अब हमें और मजबूत एयर डिफेंस चाहिए।
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह नई दिल्ली में फिक्की के ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीस’ इवेंट में डिप्टी COAS ने मिलिट्री ऑपरेशन्स के दौरान एयर डिफेंस और टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट के बारे में बताया।

पिछले युद्धों की तरह दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकते थे
लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की भी तारीफ की। साथ ही टारगेट चुनने, प्लानिंग के अलावा रणनीतिक संदेश, टेक्नोलॉजी और ह्यूमन इंटेलीजेंस के इस्तेमाल के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा- ऑपरेशन सिंदूर से कुछ सबक मिले हैं। लीडरशिप का संदेश साफ था। जिस तरह से हमने कुछ साल पहले बर्दाश्त किया, उस तरह से दर्द को सहने की कोई गुंजाइश नहीं थी। टारगेट की प्लानिंग और सिलेक्शन बहुत सारे डेटा पर बेस्ड था। इसलिए कुल 21 टारगेट पहचाने। लास्ट मोमेंट पर 9 को निशाना बनाने का फैसला लिया गया।
अगली बार के लिए तैयार रहना होगा
डिप्टी COAS बोले- पूरे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयर डिफेंस और उसका ऑपरेशन कैसे हुआ, यह बेहद अहम था। इस बार, हमारे पॉपुलेशन सेंटर पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अगली बार, हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर-रॉकेट आर्टिलरी ड्रोन जैसे सिस्टम तैयार करने होंगे। हमें बहुत तेजी से आगे बढ़ना होगा।
हम इजराइल को देख रहे हैं। उनके पास आयरन डोम हैं। दूसरे एयर डिफेंस सिस्टम हैं। हमारे पास वैसी सुविधाएं नहीं है क्योंकि हमारा देश विशाल है। और ऐसी चीजों पर बहुत पैसा खर्च होता है। इसलिए हमें फिर से अपनी तैयारी और सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है।
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के युद्ध के लिए तैयार रहने की जरूरत बताई। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में होने वाले युद्धों में एक कंप्यूटर एक्सपर्ट शामिल हो सकता है, जो शायद देश के एक हिस्से में बैठकर पूरी चीजों को कंट्रोल कर सकता है।
राहुल आर सिंह बोले कि भारतीय सेना में ड्रोन की बहुत ज्यादा जरूरत है। सेना ड्रोन फ्रेमवर्क सितंबर-अक्टूबर तक जारी करेगी। ऐसे बहुत से एलिमेंट हैं जिन्हें अभी भी बाहर से मंगवाना पड़ता है। सीक्रेट तकनीक, इंजन, इनसे हम जूझ रहे हैं। इन चीजों में इनवेस्ट करना होगा।
पहलगाम हमले का जवाब था ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी।

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1 मई को तिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचे पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने टैंक पर खड़े होकर कहा- भारत की किसी भी सैन्य हिमाकत का तुरंत और उससे भी बड़ा जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भी कहा था कि उनके पास पुख्ता खुफिया जानकारी है कि भारत कुछ दिनों में हमला करेगा। ऐसे किसी भी दुस्साहस का हर हाल में जोरदार जवाब दिया जाएगा।
आखिर किन हथियारों के दम पर पाकिस्तान इतना उछलता है। भारत इनका मुकाबला किन हथियारों से कर सकेगा, पढ़ें एक्सप्लेनर में…।