Wednesday, July 30, 2025
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ऐरू नदी के तेज बहाव में फंसे 7 ग्रामीण: SDRF और सिविल डिफेंस की टीम ने किया रेस्क्यू, गांवड़ी गांव में मकान ढहा – Bundi News


सोमवार रात ऐरू नदी के तेज बहाव में फंसे 7 ग्रामीणों का रेस्क्यू किया गया।

बूंदी जिले के डाबी क्षेत्र की धनेश्वर पंचायत में सोमवार रात ऐरू नदी के तेज बहाव में फंसे 7 ग्रामीणों का रेस्क्यू किया गया। ये ग्रामीण देर शाम नदी पार कर रहे थे। इसी दौरान नदी का बहाव तेज हो गया और वे फंस गए।

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सूचना मिलते ही पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। बूंदी बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी सत्यभान शर्मा ने बताया कि डाबी के पास ऐरू नदी उफान पर आ गई थी। नदी पार करते समय राजपुरा निवासी द्वारकालाल मेघवाल और रमेश मेघवाल, गुढ़ा के रंगलाल भील और राजू, खड़ीपुर के शैतान, जुगराज भील और सुरेश भील नदी के बहाव में फंस गए थे। रात में अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू अभियान शुरू करने में थोड़ी परेशानी हुई। बाद में रेस्क्यू टीम ने टॉर्च की रोशनी में अभियान शुरू किया और देर रात 11 बजे सभी को सुरक्षित निकाल लिया। जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा देर रात तक अभियान की मॉनिटरिंग करते रहे।

नैनवां क्षेत्र के गांव गांवड़ी में एक मकान ढह गया।

एसडीआरएफ की टीम हनुमान गुर्जर के नेतृत्व में मौके पर पहुंची थी। सिविल डिफेंस बूंदी की टीम के विशाल गोचर, धनपाल, बलराम सैनी, लवदीप शर्मा और आकाश सैनी ने तेज बहाव में उतरकर लोगों को निकाला। इस दौरान तालेड़ा डीएसपी हेमंत गौतम भी मौके पर मौजूद रहे। इसके अलावा नैनवां क्षेत्र के गांव गांवड़ी में एक मकान ढह गया। इस हादसे में मकान की छत बोलेरो और बाइक पर जाकर गिरी।

25-30 गांवों का जनजीवन प्रभावित बूंदी जिले में गरड़दा बांध से निकलने वाले पानी के कारण मंडावरा स्कूल सहित आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इससे आसपास के करीब 25-30 गांवों का जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मंडावरा स्कूल में करीब आधा फीट पानी भर गया है। बांध से निकले पानी से मंडावरा, होलासपुरा, श्यामू और हरिपुरा गांवों मे जनजीवन प्रभावित हुआ है। कई स्थानों पर खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों की आजीविका पर भी असर पड़ा है। गरड़दा बांध की भराव क्षमता 62 फीट है। वर्तमान में यह दो फीट की चादर के साथ छलक रहा है। बांध से पानी की निकासी के लिए कोई गेट सिस्टम नहीं है। इस कारण अतिरिक्त पानी स्वतंत्र रूप से बह रहा है। यही पानी आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा कर देता है। इसके चलते ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है।



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