ऑपरेशन सिंदूर के बाद कांग्रेस के लिए पहली बड़ी परीक्षा बिहार चुनाव होगी, जहां उसे लिटमस टेस्ट का सामना करना होगा. 17 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले बिहार में कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी सभी एक ही वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं. हालांकि, यह मुस्लिम वोट की लड़ाई सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है. नेशनल लेवल पर करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के व्यापक पुनरुद्धार रणनीति के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
यह अकारण नहीं था कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक बार सच्चर समिति की सिफारिशों को तेजी से लागू करने की वकालत की थी और मुसलमानों के अधिकारों को बढ़ाने पर जोर दिया था. यह नीतिगत रुख अल्पसंख्यक कल्याण और सामाजिक न्याय के प्रति कांग्रेस की प्रतिबद्धता को दिखाता है
इस व्यापक संदर्भ से कांग्रेस की ओर से हाल ही में लिए गए कई राजनीतिक रुखों को समझा जा सकता है. उदाहरण के लिए ऑपरेशन सिंदूर का मामला लें. बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाने के लिए मिली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने इस बार अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया. जबकि सार्वजनिक रूप से ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार के रुख का समर्थन किया. हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने भी सूक्ष्मता से सवाल उठाए. उदित राज ने ऑपरेशन के नाम के धार्मिक उपक्रम पर सवाल उठाया, यह सुझाव देते हुए कि बीजेपी सैन्य कार्रवाइयों को हिंदू प्रतीकों से जोड़ने की प्रवृत्ति रखती है. संदेश स्पष्ट था: अपने अल्पसंख्यक आधार को यह बताना कि कांग्रेस अभी भी बीजेपी के बहुसंख्यकवादी झुकाव को चुनौती देती है.
राज्य स्तर पर भी काम शुरू हो चुका है. कर्नाटक कांग्रेस सरकार ने हाल ही में सरकारी ठेका नौकरियों में मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की और अल्पसंख्यकों के लिए आवास आरक्षण को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा. ये निर्णय सिर्फ शासन के कदम नहीं हैं बल्कि राजनीतिक संकेत भी हैं. यह दर्शाते हुए कि केंद्र या बिहार या केरल जैसे राज्यों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार अल्पसंख्यक कल्याण को प्राथमिकता देगी.
हालांकि, मुस्लिम वोटों को फिर से हासिल करने और साथ ही कुछ हिंदू मतदाताओं को खुश करने की कोशिश में कांग्रेस अक्सर दिशाहीन दिखती है- परस्पर विरोधी आवेगों के बीच फंसी हुई. मुस्लिम वोटों को एकजुट करने और सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलने के बीच चुनाव करने की उसकी जद्दोजहद पार्टी को राजनीतिक चौराहे पर ला खड़ा करती है.