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नई दिल्ली20 घंटे पहले
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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किए।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को न पकड़ पाने के लिए सरकार पर निशाना साधा। सोमवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देश को अब तक कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं मिले, जिनमें से एक है कि पाकिस्तान के साथ किन शर्तों पर सीजफायर समझौता हुआ।
मोदी इन अहम सवालों के जवाब की बजाय फिल्मी डायलॉगबाजी कर रहे हैं और उनके सांसद ओछी राजनीति कर रहे। पवन खेड़ा ने कहा;-

PM मोदी कभी प्रेम चोपड़ा की तरह तो कभी परेश रावल की तरह डायलॉग मार रहे हैं। कभी कहते हैं कि सिंदूर मेरी रगों में बहता है। गोलियां खाओ, रोटियां खाओ जैसे डायलॉग बोल रहे हैं। क्या यही एक गंभीर नेता का व्यवहार होता है?

पवन खेड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के 3 बड़े बयान …
1. मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह से फेल
कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार की विध्वंसकारी विदेश नीति के कारण हम अलग-थलग हो गए हैं। हमारी विदेश नीति का नतीजा ये है कि नेपाल-भूटान भी हमारे साथ नहीं खड़े हुए। जबकि संघर्ष के दौरान चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया।
इतना ही नहीं, मोदी सरकार की विदेश नीति का नतीजा ये है कि कुवैत ने पाकिस्तान पर से वीजा पाबंदियां हटा दी हैं। कुवैत, पाकिस्तान से लेबर ट्रीटी साइन करने वाला है। उधर, UAE ने पाकिस्तान को 5 साल की वीजा अनुमति दे दी है।
ईरान ने कल खुलकर कहा कि पाकिस्तान आतंक को शरण देता है। जबकि मोदी सरकार के ट्रोल्स ईरान के बारे में भद्दी टिप्पणियां करते हैं।

पवन खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार के ट्रोल्स की वजह से हम दुनिया भर में अलग-थलग हुए हैं।
2. देश की विदेश नीति सरकार के ट्रोल्स तय कर रहे हैं पवन खेड़ा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र की विदेश नीति ट्रोल्स तय कर रहे हैं। वे कभी इस्लामाबाद तो कभी कराची में हमला और कब्जा करवा देते हैं। मोदी सरकार को ट्रोल्स चला रहे हैं। वही इंस्पायर कर रहे हैं और वही ऑपरेट कर रहे हैं। इसका रिजल्ट सबके सामने हैं। प्रधानमंत्री खुद एक ट्रोलर की भाषा बोलने लगे हैं। ये बेहद चिंता का विषय है।

3. विपक्ष भारत का पक्ष अच्छे से रख रहा, भाजपा सांसद ओछी राजनीति कर रहे केंद्र सरकार को जब समझ आ गया कि इनकी विदेश नीति के कारण हम अलग-थलग हो गए हैं तो इन्होंने ऑल पार्टी डेलिगेशन विदेश भेजा। कांग्रेस और अन्य पार्टी के सांसद विदेशों में भारत का पक्ष अच्छे से रहे हैं, लेकिन इनके भाजपा सांसद यहां जहरीला बयान दे रहे हैं। उनमें से एक सांसद विदेश में भारत का पक्ष रखने के लिए गया है और हर दिन सोशल मीडिया में जहरीला बयान भी दे रहा है।
23 मई: राहुल ने भी विदेश मंत्री जयशंकर से 3 सवाल किए थे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी 23 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर से 3 सवाल पूछे थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था- क्या JJ (जयशंकर जी) बताएंगे…
- भारत को पाकिस्तान के साथ क्यों जोड़ा गया है?
- पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश ने हमारा साथ क्यों नहीं दिया?
- ट्रम्प से भारत और पाकिस्तान के बीच “मध्यस्थता” करने के लिए किसने कहा?

जयशंकर की क्लिप पहले कांग्रेस ने अपने X हैंडल पर शेयर की थी, राहुल ने सवाल पूछते हुए इसे री-पोस्ट किया था।
22 मई: राहुल ने PM मोदी से 3 सवाल पूछे थे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी से 3 सवाल किए थे। जो आतंकवाद, पाकिस्तान के बयान और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे पर थे। राहुल ने अपनी X पोस्ट में पूछे सवालों के साथ पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की वीडियो क्लिप भी जोड़ी थी।
इसमें PM मोदी कहते सुनाई दे रहे हैं- पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया। राहुल ने X पोस्ट में लिखा- मोदी जी खोखले भाषण देना बंद कर दीजिए। सिर्फ इतना बताइए…आपने भारत के सम्मान से समझौता कर लिया। राहुल के पीएम से 3 सवाल…
- आतंकवाद पर आपने पाकिस्तान की बात पर भरोसा क्यों किया?
- ट्रंप के सामने झुककर आपने भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी?
- आपका खून सिर्फ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है?
22 मई: जयराम रमेश बोले- पीएम के खोखले फिल्मी डायलॉग
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने 22 मई को X पोस्ट में लिखा था कि PM मोदी सार्वजनिक रैलियों में खोखले फिल्मी डायलॉग फेंक रहे हैं। जबकि उन्हें गंभीर सवालों के जवाब देना चाहिए। जयराम ने सवाल किया था- पहलगाम के क्रूर हत्यारे अभी भी क्यों खुले घूम रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आतंकी बीते 18 महीने में पुंछ, गगनगीर और गुलमर्ग में आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार थे। पीएम मोदी ने किसी भी सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता क्यों नहीं की और विपक्षी दलों को विश्वास में क्यों नहीं लिया?
रमेश ने आगे कहा था- पीएम मोदी ने 22 फरवरी 1994 के सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने और इसे अपडेट करने के लिए संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया, जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाकिस्तान के बीच गहरी साठगांठ स्पष्ट थी? आप पिछले दो हफ्तों में राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो के अमेरिकी भूमिका पर बार-बार किए जा रहे दावों पर क्यों चुप रहे?

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