Tuesday, December 2, 2025
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कांग्रेस सांसद के संसद में कुत्ता लाने पर क्यों मचा विवाद, क्या कहते हैं नियम


Renuka Chowdhary Dog ​​Controversy: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी के सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में एक कुत्ते को लेकर आने पर विवाद खड़ा हो गया. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यसभा सांसद की इस हरकत की कड़ी आलोचना की. रेणुका चौधरी ने कहा, “क्या कोई कानून है? मैं रास्ते में थी. एक स्कूटर एक कार से टकरा गया. एक छोटा सा पिल्ला सड़क पर घूम रहा था. मुझे लगा कि उसे टक्कर लग जाएगी. इसलिए मैंने उसे उठाया, कार में बिठाया, संसद आयी और वापस भेज दिया. कार चली गयी और कुत्ता भी.”

कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने संभावित सुरक्षा उल्लंघन की चिंताओं पर भाजपा द्वारा उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, “इस चर्चा का क्या मतलब है? असली काटने वाले तो संसद में बैठे हैं. वे सरकार चलाते हैं. हम एक मूक जानवर की देखभाल करते हैं और यह एक बड़ा मुद्दा और चर्चा का विषय बन गया है.” चौधरी ने कहा, “क्या सरकार के पास और कोई काम नहीं है? मैंने कुत्ते को घर भेज दिया और कहा कि इसे घर पर ही रखें… हम उन लोगों के बारे में बात नहीं करते जो संसद में बैठकर हमें रोज काटते हैं.”

क्या था पूरा घटनाक्रम?
तेलंगाना से राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी सोमवार को संसद भवन में अकेली नहीं आयी. उनके साथ एक कुत्ता भी था जिसके बारे में उन्होंने बताया कि वह एक आवारा कुत्ता था जिसे उन्होंने रास्ते में बचाया था. कांग्रेस नेता के अनुसार उनकी नजर इस पिल्ले पर तब पड़ी जब वह एक स्कूटर और कार की टक्कर के बाद सड़क पर भटक रहा था. चौधरी ने बताया कि उन्हें डर था कि कहीं कोई गाड़ी उन्हें टक्कर न मार दे, इसलिए उन्होंने दिन में ही कुत्ते को पशु चिकित्सक के पास ले जाने के लिए उठा लिया था. एएनआई के अनुसार कुत्ता कार के अंदर ही रहा और कांग्रेस सांसद को संसद भवन में उतारने के कुछ ही देर बाद उसे ले जाया गया.

भाजपा ने आलोचना की
चौधरी को भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ा क्योंकि उसने संसद परिसर में उनके द्वारा एक जानवर लाने पर आपत्ति जतायी थी. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने चौधरी पर ‘तमाशा’ करने का आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सांसद बिना उचित दस्तावेजों के किसी को भी संसद के अंदर नहीं ला सकते. प्रेट्र के अनुसार, पाल ने कहा, “आप मुद्दों पर बहस करने को लेकर गंभीर नहीं हैं… आप इस तरह के तमाशे से संसद का मजाक बना रहे हैं… वह सदन की सदस्य हैं और उन्हें इस तरह के नाटक में शामिल होने के बजाय सार्वजनिक महत्व के मुद्दे उठाने चाहिए. सदन के सभापति को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.” उन्होंने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. भाजपा नेता ने यह भी कहा कि कुत्तों या जानवरों को संसद परिसर के अंदर नहीं लाया जा सकता.

रेणुका को माफी मांगनी चाहिए
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि कांग्रेस सांसद ने अपने सभी सहयोगियों और संसदीय कर्मचारियों की तुलना कुत्ते से की है. एनडीटीवी ने पूनावाला के हवाले से कहा, “रेणुका चौधरी ने संसद और सांसदों का अपमान किया है. वह संसद में एक कुत्ता लेकर आती हैं और जब उनसे इस बारे में पूछा जाता है,तो कहती हैं कि काटने वाले अंदर हैं. इसका मतलब संसद, संसदीय कर्मचारी और सांसद हैं. उनकी राय में वे कुत्ते हैं. उन्होंने पहले भी ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ाकर हमारे जवानों का अपमान किया है.” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी “संसद में नाटक और नौटंकी करने के नए-नए तरीके खोज रही है. यह अंबेडकर जी के संविधान का बहुत बड़ा अपमान है. रेणुका चौधरी और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.”

क्या कहते हैं नियम?
संसद भवन एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है और इसकी सुरक्षा, मर्यादा और आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित कुछ अलिखित या लिखित नियम हैं. बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल के अनुसार लोकसभा हैंडबुक में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि कोई भी वस्तु या जीव जो सुरक्षा या मर्यादा को प्रभावित करे उसे परिसर में लाने की अनुमति नहीं है. हालांकि यह किसी विशिष्ट IPC या अलग कानून के तहत अपराध (Criminal Offence) के रूप में दर्ज नहीं किया जाता. लेकिन इसे संसद की सुरक्षा और आचार संहिता का उल्लंघन (Breach of Privilege and Protocol) माना जाता है.

क्या हो सकती है कार्रवाई
ऐसे मामलों में संसद की सुरक्षा शाखा या लोकसभा सचिवालय कार्रवाई कर सकता है. इसमें चेतावनी देना या इसे आधिकारिक उल्लंघन मानना शामिल हो सकता है. बीजेपी सांसदों ने इस काम को सांसदों को मिले विशेषाधिकारों का दुरुपयोग बताया है. उनका कहना है कि विशेषाधिकारों का मतलब यह नहीं है कि नियमों को नजरअंदाज किया जाए.

सांसद ने किया अपना बचाव
तीखी प्रतिक्रिया के बीच रेणुका चौधरी ने सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार जानवरों को पसंद नहीं करती. उन्होंने यह भी कहा कि आवारा कुत्तों को बचाने के खिलाफ कोई कानून नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से अपनी कार में मौजूद जानवर के बारे में पूछे जाने पर कहा, “इस सरकार को जानवर पसंद नहीं हैं. जानवरों की कोई आवाज नहीं होती. वह (कुत्ता) कार में था तो उन्हें क्या दिक्कत है? वह इतना छोटा है, क्या लगता है कि काट लेगा? संसद के अंदर बैठे लोग काटते हैं, कुत्ते नहीं.” रेणुका चौधरी स्वयं को कुत्ता प्रेमी बताती हैं. उन्होने बताया कि उन्होंने पहले भी कई आवारा कुत्तों को गोद लिया है और उनकी देखभाल की है.



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