भोजपुर के तरारी विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज के प्रत्याशी चंद्रशेखर सिंह का निधन हो गया। हार्ट अटैक के बाद पटना के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इलाज के दौरान शुक्रवार काउंटिंग के बीच उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से जिले में शोक
.
31 अक्टूबर को चंद्रशेखर सिंह चुनाव प्रचार के लिए क्षेत्र में निकले थे। इसी दौरान उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द हुआ और जमीन पर गिर पड़े। परिजन और कार्यकर्ता तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां से डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया। जहां हालत गंभीर बनी रही। करीब 2 सप्ताह का इलाज चला।
जन सुराज के टिकट चुनाव लड़ रहे थे चंद्रशेखर
ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं
चंद्रशेखर सिंह भोजपुर जिले के सिकरहट्टा थाना क्षेत्र के कुरमुरी गांव निवासी थे। उनके पिता स्व. राज महल सिंह स्थानीय स्तर पर प्रतिष्ठित किसान थे। निधन की सूचना मिलते ही गांव में मातम छा गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण, समर्थक और शुभचिंतक उनके घर पहुंचने लगे। 70 वर्षीय चंद्रशेखर सिंह पेशे से शिक्षाविद् थे। उन्होंने एम.ए. (प्राकृत) तक उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद वे शिक्षा विभाग में शिक्षक बने और मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद से रिटायर्ड हुए थे।
चंद्रशेखर सिंह की छवि एक जुझारू शिक्षक नेता की रही है। वे शिक्षक संघ के सक्रिय पदाधिकारी रहे, साथ ही ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने प्रदेश स्तर पर सामाजिक नेतृत्व किया। क्षेत्र में उनका प्रभाव और जनसंपर्क मजबूत माना जाता था। चंद्रशेखर सिंह जाति से भूमिहार थे। उनके परिवार में दो बेटे इंजीनियर अंजल किशोर सिंह, ज्ञानु कुमार सिंह, और एक बेटी अर्चना हैं। निधन की खबर मिलते ही परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

सिर्फ 2271 वोट मिले।
इलाके में शोक की लहर
हार्ट अटैक आने के बाद चंद्रशेखर सिंह चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं हो पाए। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें पूर्ण विश्राम दिया गया था और उनकी जगह कार्यकर्ता जनसंपर्क करने की कोशिश करते रहे। प्रचार नहीं कर पाने का सीधा असर उनके प्रदर्शन पर पड़ा। परिणामस्वरूप उन्हें 2271 वोट ही मिल सके। उनके निधन के बाद जनसुराज पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता ने सोशल मीडिया पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त की।
कई लोगों ने उन्हें सादगी और ईमानदारी का प्रतीक, शिक्षा जगत का मार्गदर्शक और समाजिक चेतना का पुरोधा बताया। चंद्रशेखर सिंह की सादगी, निष्पक्षता और सामाजिक सरोकारों के कारण वे पार्टी में सम्मान प्राप्त कर चुके थे। उनकी असमय मृत्यु को जनसुराज नेतृत्व ने बड़ी क्षति बताया है।

