रोम2 घंटे पहले
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छात्रा जूलिया चेकेटिन की तस्वीर, जिसकी 2 साल पहले उसके बॉयफ्रेंड ने हत्या कर दी थी। (इनसेट- इटली की PM जॉर्जिया मेलोनी)
इटली में किसी महिलाओं की अगर सिर्फ इसलिए हत्या की गई, क्योंकि वह महिला है तो इसे एक अलग और गंभीर अपराध माना जाएगा। इसे फेमीसाइड कहा जाता है।
इटली की संसद ने 25 नवंबर को इसे लेकर एक कानून पास किया। सरकार और विपक्ष दोनों ने इसका समर्थन किया। इस नए कानून के तहत आरोपी को उम्रकैद की सजा दी जाएगी।
दो साल पहले इटली में 22 साल की स्टूडेंट जूलिया चेकेटिन की उसके एक्स बॉयफ्रेंड ने हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने उसके साथ रिश्ता रखने से मना कर दिया था। इसके बाद फेमीसाइड को कानूनी मान्यता देने की मांग हो रही थी।
फेमीसाइड क्या होता है जानिए
फेमीसाइड वह अपराध है जिसमें किसी महिला या लड़की की हत्या इसलिए कर दी जाती है क्योंकि वह महिला है। समाज में मौजूद लैंगिक भेदभाव, हिंसा या सत्ता के दुरुपयोग के कारण उसे कमजोर माना जाता है।
यह ग्लोबल लेवल पर माना जाने वाला शब्द है, जिसका इस्तेमाल खास तौर से महिलाओं पर होने वाली हिंसा को पहचानने और उसे रोकने के लिए किया जाता है।

एक्स बॉयफ्रेंड ने महिला को 70 बार चाकू मारा था
चेकेटिन को उसके पूर्व प्रेमी ने लगभग 70 बार चाकू से गोदा था। चेकेटिन ने अपनी मौत से पहले एक लिस्ट भी बनाई थी, जिसमें उसने बताया था कि उसका बॉयफ्रेंड उसे कैसे कंट्रोल में रखने की कोशिश करता था।
आरोपी उसे बार-बार मैसेज करने के लिए कहता था, दोस्तों से मिलने नहीं देता था और हर छोटी बात पर गुस्सा करता था। इस तरह के मामलों ने इटली में लोगों को झकझोर दिया।
इसलिए सरकार ने फैसला किया कि महिलाओं की हत्या को एक अलग अपराध के रूप में माना जाए ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए।

जूलिया चेकेटिन ने मरने से पहले एक लिस्ट में बताया था कि किस तरह उसका बॉयफ्रेंड उसे टॉर्चर करता था।
मेलोनी बोलीं- चाहती हूं देश में हर महिला सुरक्षित महसूस करे
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि वह ऐसा देश बनाना चाहती हैं जहां कोई भी महिला खुद को असुरक्षित या अकेली महसूस न करे। मेक्सिको और चिली के साथ इटली अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जहां फेमीसाइड को अपराध माना जाता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। पुलिस, कोर्ट और समाज की सोच में बदलाव भी जरूरी है।
इसी वजह से इटली की संसद में एक और कानून पर चर्चा चल रही है, जिसमें कहा गया है कि बिना सहमति के सेक्स को सीधे रेप माना जाए। कुछ राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन इस पर बहस जारी है।
एक्सपर्ट बोलीं- सिर्फ कानून कड़ा करना हल नहीं
इटली की महिला अधिकार कार्यकर्ता एलेना बियाजियोनी इस कानून से खुश नहीं है। उनका कहना है कि कानून सिर्फ यह ध्यान देता है कि महिला की हत्या होने के बाद क्या सजा दी जाए, जबकि असली जरूरत यह है कि ऐसी घटनाएं होने से पहले ही उन्हें रोका जाए।
एलेना का कहना है कि सिर्फ अपराध होने के बाद कार्रवाई करना काफी नहीं है। स्कूलों में शिक्षा, जागरूकता और रिश्तों में हिंसा के शुरुआती संकेतों की पहचान जैसे कदम ज्यादा जरूरी हैं।
उन्होंने बताया कि इटली उन देशों में शामिल है, जहां स्कूलों में सेक्स एजुकेशन तक नहीं पढ़ाया जाता, जिससे युवाओं में सही समझ नहीं बन पाती।
एलेना के मुताबिक, सिर्फ कानून कड़ा करने से समस्या हल नहीं होगी। जरूरत है कि पुलिस, अदालत और समाज की सोच में सुधार लाने की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार दावा कर रही है कि उसने महिला सुरक्षा पर खर्च बढ़ाया है, लेकिन यह खर्च अभी भी कम है और सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
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