कोटा में रामपुरा हॉस्पिटल में 76 लाख का घपला।
मेडिकल कॉलेज से जुड़े रामपुरा हॉस्पिटल में कंप्यूटर ऑपरेटर रहे युवक विजयकुमार जांगिड़ ने जननी सुरक्षा, शुभलक्ष्मी व राजश्री योजना के पैसे 10 साल तक अपने व पत्नी के खाते में डालता रहा और किसी को भनक नहीं लगी। हाल ही जब गर्भवतियों के पंजीयन (एएनसी रजिस्
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अब तक की जांच में पता चला कि 76.90 लाख रुपए खुद व पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए। एनएचएम के एमडी स्तर से सीएमएचओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई है, वहीं रामपुरा हॉस्पिटल स्तर पर भी कमेटी जांच कर रही है। रामपुरा हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राकेशसिंह की ओर से कोतवाली में कंसुआ आवासीय योजना निवासी विजय जांगिड़ व उसकी पत्नी रक्षधा के खिलाफ नाजमद प्रकरण दर्ज कराया गया है।
रामपुरा हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राकेशसिंह की ओर से कोतवाली में कंसुआ आवासीय योजना निवासी विजय जांगिड़ व उसकी पत्नी रक्षधा के खिलाफ नाजमद प्रकरण दर्ज कराया गया है।
निजी में प्रसव के बाद अपात्र के नाम से हड़पे
शातिर विजय ने उन महिलाओं की डिटेल्स जुटाई, जो सरकारी में एएनसी रजिस्ट्रेशन तो करा लेती हैं, लेकिन डिलीवरी सरकारी की बजाय निजी हॉस्पिटल में कराती हैं। निजी हॉस्पिटल में डिलीवरी वाली महिलाएं व उनकी संतान योजनाओं की पात्र नहीं होती। जबकि एएनसी पंजीयन के वक्त इनकी पूरी डिटेल ली जाती है, इसी डिटेल से आरोपी ने विभिन्न योजनाओं में पैसा क्लेम किया और अपने खातों में डलवा लिया। जैसे ही पैसा डलता, वह फिर से ऑनलाइन रिकॉर्ड में उन्हीं महिलाओं के खाता नंबर डाल देता।

शुरुआती जांच में गबन सामने आया है,इसके बाद रामपुरा अधीक्षक को एफआईआर दर्ज कराने को कहा- डॉ. नरेंद्र नागर सीएमएचओ
खुद के दो व पत्नी के एक खाते में डालता था रुपए
रामपुरा हॉस्पिटल की 5 सदस्यीय समिति ने ओजस पोर्टल से प्राप्त रिपोर्ट देखी तो पता चला कि तीन बैंक खातों में कई बार जननी सुरक्षा योजना, शुभलक्ष्मी योजना एवं राजश्री आदि योजनाओं की राशि हस्तांतरित हुई। तीनों बैंक खातों के स्टेटमेंट से पता चला कि दो बैंक खाते स्वयं विजयकुमार जांगिड़ और एक खाता पत्नी रक्षंधा के नाम का है। शुरुआती जांच के अनुसार बीओबी रामपुरा शाखा में विजय के खाते में 25.55 लाख, एसबीआई शाखा गांधी चौक में विजय के खाते में 15.31 लाख और बीओबी शाखा रामपुरा में रक्षधा के खाते में 25.29 लाख रुपए ट्रांसफर हुए।

रामपुरा हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राकेशसिंह की ओर से कोतवाली में कंसुआ आवासीय योजना निवासी विजय जांगिड़ व उसकी पत्नी रक्षधा के खिलाफ नाजमद प्रकरण दर्ज कराया गया है।
2010 में संविदा पर नियुक्त हुआ था
हॉस्पिटल के रिकॉर्ड के मुताबिक, विजयकुमार पुत्र छीतरलाल जांगिड़ की नियुक्ति 28 जुलाई 2010 में संविदा आधार पर कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर हुई थी। विजय ने 3 अगस्त 2010 को रामपुरा में काम शुरू किया था। राज्य सरकार ने अगस्त 2015 से जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को ऑनलाइन भुगतान ओजस सॉफ्टवेयर के माध्यम से शुरू किया तो विजय इसका काम करने लगा।
रामपुरा हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि विजयकुमार 2017 तक रामपुरा हॉस्पिटल में ओजस सॉफ्टवेयर का काम संभालता था। उसने सॉफ्टवेयर की आईडी व पासवर्ड चोरी करके यह घोटाला किया। शुरुआती जांच में पता चला कि अगस्त 2015 से अगस्त 2024 तक उसने लगातार इन योजनाओं का पैसा अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कराया।
अगस्त 2024 के बाद ओटीपी सिस्टम कर दिया था, संभवतः इस वजह से आगे फर्जीवाड़ा नहीं कर सका। उसने कैसे आईडी पासवर्ड से यह सब किया, यह तकनीकी एक्सपर्ट ही समझ सकते हैं। सीएमएचओ से पत्र मिलते ही हमने जांच कमेटी बैठा दी, प्रारंभिक जांच में गबन सामने आने के बाद एफआईआर दर्ज करा दी है।
सीएमएचओ कोटा डॉ. नरेंद्र नागर ने बताया कि जयपुर से पत्र मिला था। इसके बाद हमारी टीम ने भी जांच की। शुरुआती जांच में गबन सामने आया है,इसके बाद रामपुरा अधीक्षक को एफआईआर दर्ज कराने को कहा था। फिलहाल दोनों स्तर पर जांच की जा रही है।