मंदिर में स्थापित मां काली की प्रतिमा।
भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड स्थित कोला नारायणपुर गांव में एक प्राचीन तालाब के किनारे दक्षिण काली मां का मंदिर है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह देवी अत्यंत शक्तिशाली हैं और उनके दरबार में मांगी गई हर सच्ची मुराद पूरी होती है।
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अनजानों की भी करती हैं रक्षा
कई भक्तों का मानना है कि यहां आने वाले अनजान या नादान व्यक्तियों की भी मां रक्षा करती हैं और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं। यह आस्था मंदिर से जुड़े लोगों में गहरी है।
मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को मंदिर में भक्तों की सर्वाधिक भीड़ देखी जाती है।
काली पूजा पर दो दिवसीय मेला
प्रत्येक वर्ष काली पूजा के अवसर पर यहां दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। पूरे क्षेत्र में भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भक्तिमय वातावरण बन जाता है। रातभर जलते दीपक और डुगडुगी की गूंज से पूरा इलाका मां के जयकारों से भर उठता है।
माता का मंदिर सुख-समृद्धि का द्वार
मंदिर के पुजारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि जो भी भक्त मां के दरबार में आता है, मां उसकी रक्षा करती हैं और उसे सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। इस वर्ष के आयोजन में मंदिर के मेढ़पति नंदकिशोर सिंह उर्फ फोटो सिंह और पूजा समिति के सदस्य सदानंद सिंह, बलवंत सिंह, अनुराग रंजन, पप्पू सिंह, शेखर सिंह, शिवम सिंह, आकाश रंजन, आदर्श सिंह, रोशन सिंह, धर्मवीर सिंह, मनोरंजन यादव और मनोज झा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
21 स्थानों पर मां काली की प्रतिमाएं स्थापित
इसके अतिरिक्त, इस वर्ष जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र के महम्मदपुर, बलुवाचक, कनकैथी, जामगांव, बादे हसनपुर, कोयली खुटाहा, बैजानी, पिस्ता और मखेरिया सहित कुल 21 अन्य स्थानों पर भी मां काली की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन स्थानों पर सजे पंडालों और मेलों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

