श्रेयस अय्यर फिलहाल चोटिल हैं और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. उन्हें सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केश पकड़ते समय चोट आई थी. बताया गया कि उन्हें बाईं पसली के नीचे चोट आई है, जिसके लिए उन्हें ऑपरेशन भी करवाना पड़ा. उनका इलाज सिडनी में चल रहा है और ताजा अपडेट अनुसार वो ICU से बाहर आ चुके हैं. मगर यह सवाल आपके मन में भी आया होगा कि इलाज का खर्च खुद श्रेयस अय्यर उठा रहे हैं या कोई और? यहां जान लीजिए, क्या है इसका नियम?
चोटिल प्लेयर का कौन उठाता है खर्चा?
जब भी किसी विदेशी टूर पर कोई प्लेयर चोटिल होता है, तब उसकी मेडिकल जांच का खर्चा BCCI उठाती है. बीसीसीआई की मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में आने वाले खिलाड़ियों की मेडिकल जांच का खर्चा उठाना बीसीसीआई की जिम्मेदारी होती है. इसके साथ-साथ जब खिलाड़ी रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया से गुजर रहा होता है, उसका खर्चा भी बीसीसीआई उठाती है. अगले मैचों में मैच फीस ना मिलने के लिए बोर्ड अय्यर को मुआवजा भी देगा.
उदाहरण के तौर पर देखें तो जब सिडनी में श्रेयस अय्यर चोटिल हुए, तब बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने ऑस्ट्रेलिया में उपलब्ध स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की मदद से सबसे पहले ट्रीटमेंट शुरू किया था. चोट से रिकवर करने के लिए खिलाड़ियों को बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में रिहैब की सुविधा दी जाती है. इसके लिए खिलाड़ी को खुद कोई खर्च नहीं उठाना होता है. सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में नहीं आने वाले खिलाड़ियों के लिए भी इंश्योरेंस पॉलिसी होती है, लेकिन उन्हें इतनी ज्यादा सुविधाएं नहीं मिलती हैं.
श्रेयस अय्यर की बात करें तो उन्हें जान का खतरा बताया जा रहा था, क्योंकि आंतरिक रक्तस्त्राव के कारण उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो गई थी. इसके लिए उन्हें ICU में भी भर्ती होना पड़ा. उनपर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ODI सीरीज से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है. भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका ODI सीरीज 30 नवंबर-6 दिसंबर तक खेली जाएगी.

