Monday, December 1, 2025
Homeलाइफस्टाइलकौन-सी दवाएं ज्यादा बनाती है देश की फार्मा इंडस्ट्री, आपकी सेहत के...

कौन-सी दवाएं ज्यादा बनाती है देश की फार्मा इंडस्ट्री, आपकी सेहत के लिए क्या है फ्यूचर प्लानिंग?



अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम के बाद अगर देश की किसी इंडस्ट्री पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा था तो वह फार्मा सेक्टर है. कभी सोचा है कि अमेरिका में दवाओं की खपत को करीब 80 पर्सेंट पूरा करने वाली भारत की फार्मा इंडस्ट्री कौन-सी दवाएं सबसे ज्यादा बनाती है? इसके अलावा आपकी सेहत के लिए इस सेक्टर में क्या प्लानिंग चल रही है? आइए जानते हैं.

सरकार की यह है प्लानिंग

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के जॉइन मेडिसिन कंट्रोलर डॉ. आर चंद्रशेखर के मुताबिक, भारतीय फार्मा इंडस्ट्री में इस वक्त रिसर्च एवं डेवलपमेंट (R&D) पर खास जोर दिया जा रहा है. इसका मकसद जेनेरिक दवाओं को बनाने के साथ-साथ नई दवाओं और तकनीक को डिवेलप करना है. इसके तहत भारत सरकार ने प्रमोशन ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इन फार्मा-मेडटेक सेक्टर (पीआरआईपी) नामक बड़ी योजना शुरू की है, जिस पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस स्कीम के तहत प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को रिसर्च के लिए फाइनेंशियल हेल्प दी जा रही है. 

उन्होंने ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में आयोजित 18वें सीपीएचआई और पिमेक इंडिया एक्सपो में बताया कि एक लाख करोड़ रुपये की नई हॉस्पिटल फाइनेंस योजना से देश के फार्मा सेक्टर में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट को मजबूत करेगी. उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत को दुनिया की फार्मेसी कहा जाता है, लेकिन हॉस्पिटल फाइनेंस योजना से देश अगले पांच साल में दुनिया की फार्मेसी से एक इनोवेशन-नेतृत्व वाले फार्मा राष्ट्र के रूप में डिवेलप होने की तरफ कदम बढ़ा देगा. 

कौन-सी दवाएं बनाती है फार्मा इंडस्ट्री?

फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नामित जोशी ने बताया कि भारत का फार्मा उद्योग इस वक्त पूरी दुनिया में ‘जेनेरिक्स हब’ के नाम से जाना जाता है. अब ग्लोबल फार्मास्युटिकल  की फील्ड में तेजी से बदलाव हो रहा है. ऐसे में दुनिया की फार्मेसी बने रहने के लिए भारत को अपनी पारंपरिक जेनेरिक्स मानसिकता से आगे बढ़ना होगा और वैल्यू बेस्ड इनोवेशन पर फोकस करना होगा. साथ ही, पेप्टाइड्स, जटिल जेनेरिक्स, बायोसिमिलर्स, बायोलॉजिक्स और सेल व जीन थैरेपी में अपनी क्षमताएं बढ़ानी होंगी. 

फार्मा सेक्टर में भी आत्मनिर्भर हो रहा भारत

इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के एमडी योगेश मुद्रास के मुताबिक, भारत के फार्मास्युटिकल सेक्टर ने काफी तेजी दिखाई है. इसकी वजह से निर्यात दोगुना होकर 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है. इसमें काफी तेजी से बदलाव हो रहा है, क्योंकि भारत पारंपरिक जेनेरिक्स, जटिल फॉर्मूलेशन, बायोलॉजिक्स और एडवांस्ड ट्रीटमेंट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है.

ये भी पढ़ें: कैंसर के इलाज में बड़ी छलांग, भारत में बना AI अब बताएगा ट्यूमर का असली खेल

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments