बिहार से पुराना नाता और पदयात्रा का ऐलान-धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार को अपनी कर्मभूमि बताते हुए कहा कि तड़ित पालि मठ में 12 लाख से अधिक लोगों ने उनकी कथा सुनी जो विश्व रिकॉर्ड है. उन्होंने बिहार को मां सीता, शिक्षा और नीति की भूमि करार देते हुए कहा, बिहार का कर्ज हम कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की घोषणा की, ताकि इसे राजनीति से जोड़ने का आरोप न लगे. यह पदयात्रा दिल्ली से वृंदावन तक 7 नवंबर से शुरू होगी, जिसके बाद बिहार में भी ऐसी यात्रा होगी. धीरेंद्र शास्त्री का यह कदम हिंदू एकता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा संदेश देता है.
वक्फ बिल और महागठबंधन की सियासत
NDA को फायदा या सियासी जोखिम?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सनातन महाकुंभ का यह आयोजन NDA के लिए फायदेमंद हो सकता है. धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता की बात और वक्फ बिल का समर्थन बीजेपी की हिंदुत्ववादी छवि को मजबूत करता है. बीजेपी विधायक हरिभूषण बचौल और मनोज तिवारी ने शास्त्री के बयानों का समर्थन करते हुए RJD पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया. हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के समर्थक नहीं हैं, बल्कि राम नीति और राष्ट्रवाद के लिए काम कर रहे हैं. फिर भी बिहार के सीमांचल जैसे क्षेत्रों में, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक हैं यह आयोजन NDA के लिए जोखिम भी पैदा कर सकता है, क्योंकि महागठबंधन इसे ध्रुवीकरण की कोशिश के रूप में प्रचारित कर सकता है.
सनातन एकता या चुनावी रणनीति?
बिहार की राजनीति और भविष्य की दिशा
धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन महाकुंभ में कहा कि “हम घात नहीं प्रतिघात करेंगे”. उन्होंने यह भी कहा कि “हमारा सपना भगवा-ए-हिंद” है. इसके साथ ही सनातन महाकुंभ और धीरेंद्र शास्त्री की प्रस्तावित पदयात्रा बिहार में सनातन धर्म के प्रचार और हिंदू एकता को बढ़ावा दे सकती है, लेकिन यह सियासी ध्रुवीकरण को भी तेज कर सकती है. महागठबंधन इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ ध्रुवीकरण की कोशिश बताकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश करेगा. वहीं, NDA इसे सनातन धर्म के गौरव और हिंदू एकता के प्रतीक के रूप में प्रचारित कर सकता है. बहरहाल, धीरेंद्र शास्त्री की यह रणनीति बिहार की सियासत को कैसे प्रभावित करेगी यह तो आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा, लेकिन इससे पहले सनातन महाकुंभ के नाम पर हिंदू एकता का नारा बुलंद करने से बिहार की सियासत गर्म हो उठी है.