Monday, July 7, 2025
Homeदेशक्या 'भगवा-ए-हिंद' का नारा बुलंद कर बिहार में बड़ा खेल कर गए...

क्या ‘भगवा-ए-हिंद’ का नारा बुलंद कर बिहार में बड़ा खेल कर गए बागेश्वर बाबा?


पटना. हिंदू एकता का शंखनाद पटना के गांधी मैदान में आयोजित सनातन महाकुंभ में किया गया. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू एकता का जोरदार आह्वान करते हुए कहा, सनातन खतरे में नहीं है, लेकिन बार-बार सनातन पर हमले हो रहे हैं. बिहार को सनातन धर्म का गढ़ बताते हुए शास्त्री ने दावा किया कि बिहार पहला हिंदू राष्ट्र होगा. स्वामी रामभद्राचार्य ने भी मंच से सीतामढ़ी में सीता मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया और कहा, जो वंदे मातरम कहेगा, वही भारत में राज करेगा. इस आयोजन में देशभर से साधु-संतों और लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने इसे धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बनाया.

बिहार से पुराना नाता और पदयात्रा का ऐलान-धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार को अपनी कर्मभूमि बताते हुए कहा कि तड़ित पालि मठ में 12 लाख से अधिक लोगों ने उनकी कथा सुनी जो विश्व रिकॉर्ड है. उन्होंने बिहार को मां सीता, शिक्षा और नीति की भूमि करार देते हुए कहा, बिहार का कर्ज हम कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की घोषणा की, ताकि इसे राजनीति से जोड़ने का आरोप न लगे. यह पदयात्रा दिल्ली से वृंदावन तक 7 नवंबर से शुरू होगी, जिसके बाद बिहार में भी ऐसी यात्रा होगी. धीरेंद्र शास्त्री का यह कदम हिंदू एकता को मजबूत करने की दिशा में बड़ा संदेश देता है.

वक्फ बिल और महागठबंधन की सियासत

वक्फ कानून को लेकर बिहार में महागठबंधन, खासकर RJD ने केंद्र की NDA सरकार पर तीखा हमला बोला है. RJD नेताओं ने बिल को अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया, जबकि बागेश्वर बाबा ने वक्फ कानून को सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक कदम बताया था. महाकुंभ में शास्त्री ने जातिवाद को खारिज करते हुए कहा, हमें उन हिंदुओं से दिक्कत है जो जाति के नाम पर बांटते हैं. यह बयान महागठबंधन की उस रणनीति को चुनौती देता है जो जातिगत समीकरणों और अल्पसंख्यक वोटों पर टिकी है. RJD विधायक प्रेम शंकर प्रसाद और मुकेश रौशन ने पहले भी शास्त्री पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया था, लेकिन बीजेपी ने इसे तुष्टिकरण की सियासत करार दिया है.

NDA को फायदा या सियासी जोखिम?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सनातन महाकुंभ का यह आयोजन NDA के लिए फायदेमंद हो सकता है. धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता की बात और वक्फ बिल का समर्थन बीजेपी की हिंदुत्ववादी छवि को मजबूत करता है. बीजेपी विधायक हरिभूषण बचौल और मनोज तिवारी ने शास्त्री के बयानों का समर्थन करते हुए RJD पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया. हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के समर्थक नहीं हैं, बल्कि राम नीति और राष्ट्रवाद के लिए काम कर रहे हैं. फिर भी बिहार के सीमांचल जैसे क्षेत्रों में, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक हैं यह आयोजन NDA के लिए जोखिम भी पैदा कर सकता है, क्योंकि महागठबंधन इसे ध्रुवीकरण की कोशिश के रूप में प्रचारित कर सकता है.

सनातन एकता या चुनावी रणनीति?

आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की सनातन हिंदू एकता की बात और उनकी पदयात्रा की घोषणा ने बिहार में धार्मिक और सियासी बहस को तेज कर दिया है. उनकी यह टिप्पणी कि “कुछ ताकतें गजवा-ए-हिंद चाहती हैं, लेकिन हम भगवा-ए-हिंद चाहते हैं,” सीधे तौर पर हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश मानी जा रही है. स्वामी रामभद्राचार्य का सीता मंदिर का जिक्र और सनातन धर्म को बांटने वालों को चेतावनी भी NDA की राम मंदिर और हिंदुत्व की रणनीति से मेल खाती है. लेकिन, धीरेंद्र शास्त्री का यह दावा कि वह किसी पालकी (राजनीतिक दल) के नहीं, बल्कि हिंदुओं के साथ हैं, उनके इरादों पर संदेह पैदा करता है. सवाल यह कि क्या यह वास्तव में सनातन एकता का आह्वान है या बिहार चुनाव से पहले NDA को मजबूत करने की रणनीति? यह सवाल बिहार की सियासत में गूंज रहा है.

बिहार की राजनीति और भविष्य की दिशा

धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन महाकुंभ में कहा कि “हम घात नहीं प्रतिघात करेंगे”. उन्होंने यह भी कहा कि “हमारा सपना भगवा-ए-हिंद” है. इसके साथ ही सनातन महाकुंभ और धीरेंद्र शास्त्री की प्रस्तावित पदयात्रा बिहार में सनातन धर्म के प्रचार और हिंदू एकता को बढ़ावा दे सकती है, लेकिन यह सियासी ध्रुवीकरण को भी तेज कर सकती है. महागठबंधन इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ ध्रुवीकरण की कोशिश बताकर अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश करेगा. वहीं, NDA इसे सनातन धर्म के गौरव और हिंदू एकता के प्रतीक के रूप में प्रचारित कर सकता है. बहरहाल, धीरेंद्र शास्त्री की यह रणनीति बिहार की सियासत को कैसे प्रभावित करेगी यह तो आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा, लेकिन इससे पहले सनातन महाकुंभ के नाम पर हिंदू एकता का नारा बुलंद करने से बिहार की सियासत गर्म हो उठी है.



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments