पन्ना के हीरे अब ब्रांड लोगो के साथ बाजार में उतरने की तैयारी में हैं। दुनियाभर में अपनी खास चमक के लिए पहचाने जाने वाले इन हीरों को जल्द ही ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिल सकता है। मंगलवार को चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया कार्यालय न
.
जिला खनिज कार्यालय पन्ना ने यह जानकारी भेज दी है, जबकि लोगो का डिजाइन एक-दो दिन में भेजा जाएगा। बता दें कि जीआई टैग के लिए साल 2023 में आवेदन किया गया था। जीआई टैग की बची हुई औपचारिकताएं अगस्त तक पूरी होने की उम्मीद है।
क्या होगा फायदा?
- टैग मिलने के बाद पन्ना के हीरे देश-विदेश में ‘ब्रांड लोगो’ के साथ अपनी विशिष्ट पहचान के साथ बिक सकेंगे।
- जीआई टैग से पन्ना के हीरों को कानूनी मान्यता मिलेगी।
- कोई अन्य क्षेत्र पन्ना के नाम का उपयोग नहीं कर सकेगा।
- इससे हीरों की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी और खरीदारों को भरोसेमंद स्रोत से प्रमाणित हीरा मिलेगा।
- इन हीरों की खासियत क्या है? : हल्का हरा रंग और कार्बन लाइन स्पष्ट होती है, जो इन्हें कटिंग व चमक के लिहाज से खास बनाती है।
- अभी प्रदेश में कितने उत्पादों काे जीआई टैग? : अभी 24 उत्पादों को जीआई टैग हासिल है। इनमें गोंड पेंटिंग, ग्वालियर कालीन, डिंडोरी का लोहशिल्प, जबलपुर पत्थर शिल्प, वारासिवनी साड़ी आदि।
पन्ना के जिला खनिज अधिकारी, रवि पटेल के अनुसार, ‘जानकारी भेज दी गई है, लोगो भी 1-2 दिन में भेज देंगे।’