सागर, गुना और खरगोन में खोले थे विवि, एक में भी नियुक्तियां नहीं हो पाईं
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13 मार्च 2024 को सागर, गुना और खरगोन में राजकीय विश्वविद्यालयों का एक साथ लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर में किया था। तीनों ही विश्वविद्यालय शुरू हुए 16 माह हो गए हैं। तीनों विश्वविद्यालय जुगाड़ के भवन और जुगाड़ की फैकल्टी पर चल रहे हैं।
विश्वविद्यालय निर्माण के लिए कागजों में जमीन का आवंटन तो हो चुका है लेकिन निर्माण के लिए भूमिपूजन कहीं भी नहीं हुआ है। नतीजा खरगोन और गुना में कॉलेज के भवन में तो सागर में सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के भवन में ये विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। फैकल्टी के नाम पर एक भी जगह विवि के अपने शिक्षक नहीं हैं।
प्रतिनियुक्ति और डिप्लॉयमेंट पर कॉलेजों के शिक्षकों को रखने के साथ ही कुछ गेस्ट फैकल्टी को रखकर विश्वविद्यालयों का संचालन हो रहा है। व्यवस्थित भवन और स्थाई फैकल्टी के अभाव का ही परिणाम है कि तीनों ही विश्वविद्यालयों में कुल जमा 1001 एडमिशन ही बीते दो सालों में हो सके हैं। वर्तमान में विश्वविद्यालय स्तरीय काउंसिलिंग का विशेष चरण चल रहा है।
ऐसे में कुछ और एडमिशन बढ़ सकते हैं। परंतु इन विवि में जो एडमिशन हुए हैं, वहां इन्हीं जिलों में संचालित सभी कॉलेजों से न सिर्फ कम हैं, बल्कि कई कॉलेजों के मुकाबले महज 8 से 10% ही हैं। ऐसे में साफ है कि इन विश्वविद्यालयों से वह आस पूरी नहीं हो सकी, जिसको लेकर लगातार मांग इन क्षेत्रों में उठ रही थी।
विद्या परिषद और कार्य परिषद का गठन कहीं नहीं हुआ है। न ही डीपीआर को स्वीकृति मिली है। सागर और गुना में भर्ती रोस्टर को स्वीकृति नहीं मिली है तो खरगोन में तैयार ही नहीं हुआ है। ऐसे में जल्दी ही नियुक्ति की संभावना यहां नजर नहीं आती।
तीनों में से एक भी यूनिवर्सिटी के भवन का निर्माण शुरू नहीं
सागर : रानी अवंती बाई लोधी विवि सागरका संचालन सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग की बिल्डिंग के 40 कमरों में हो रहा है। कुछ कक्ष विभाग के ही पास हैं। यहां सात प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक, दाे तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं। ये सभी 11 लोग दो साल की प्रतिनियुक्ति पर आए हैं। 10 अतिथि विद्वान के साथ 24 कर्मचारी आउटसोर्स पर रखे हैं। विवि निर्माण के लिए 190 एकड़ जमीन आवंटित हुई है। 111 करोड़ की डीपीआर तैयार हुई है, जिसकी स्वीकृति बाकी है। रोस्टर अभी बन रहा है। बीते सत्र में यहां 200 एडमिशन हुए थे। इस वर्ष अब तक 222 एडमिशन हो सके हैं।
खरगोन : क्रांति सूर्य टंट्या भील विवि खरगोन का संचालन पीजी कॉलेज के भवन में हो रहा है। इसमें कुल 23 कक्ष हैं। यहां 7 शिक्षक डिप्लॉयमेंट पर हैं, जबकि 13 अतिथि विद्वान रखे हैं। 30 कर्मचारी आउटसोर्स से लगाए हुए हैं। बीते वर्ष 340 एडमिशन विवि में हुए थे। जबकि इस वर्ष अब एडमिशन प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो सकी है। विवि निर्माण के लिए 127.5 एकड़ जमीन आवंटित हुई है परंतु कार्य शुरू करने के लिए भूमिपूजन नहीं हुआ है। 120 करोड़ की डीपीआर भी तैयार हो चुकी है, परंतु स्वीकृति बाकी है। पदों का रोस्टर अभी तैयार नहीं है। गुना : क्रांतिवीर तात्या टोपे विश्वविद्यालय का संचालन नवीन शासकीय आदर्श महाविद्यालय गुना के भवन में हो रहा है। यहां कुल 8 शिक्षक रखे गए हैं। जिनमें से 6 डिप्लॉयमेंट पर तो दो डेपुटेशन पर आए हैं। विवि निर्माण के लिए 100 एकड़ जमीन आवंटित हुई है। यहां भी भूमिपूजन नहीं होने से काम शुरू नहीं हो सका है। निर्माण की कुल लागत 150 करोड़ रुपए है, डीपीआर भी इतने की ही बनी है, पर स्वीकृति बाकी है। बीते सत्र में यहां मात्र 128 एडमिशन हुए थे। जबकि इस सत्र में अब तक 111 एडमिशन ही हुए हैं। भर्ती के लिए पदों का रोस्टर जनवरी में भेजा गया था, परंतु स्वीकृति अब तक नहीं मिल सकी है।
मार्च तक करना थी 102 पदों पर निुयक्तियां, 4 से 5 ही कर सके
9 अक्टूबर 2024 को उच्च शिक्षा विभाग ने तीनों विवि में भर्ती के लिए पदों की संरचना जारी की थी। तीनों में 235-235 पदों की स्वीकृति दी गई थी। इनमें 140 शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति की स्वीकृति दी गई तो 81 गैर शैक्षणिक पद शामिल किए थे। इनमें प्लेसमेंट ऑफिसर, संचालक शारीरिक शिक्षा, लैब तकनीशियन आदि के पद शामिल हैं।
शिक्षकीय पदों में प्रोफेसर के 20, एसोसिएट प्रोफेसर के 40 व असिस्टेंट प्रोफेसर के 80 पद शामिल हैं। सत्र 2024-25 तक ही यानी 31 मार्च तक इनमें से 102 पदों पर भर्ती करना थी। वर्तमान सत्र 2025-26 में 52 पदों पर भर्ती प्रस्तावित की गई थी। परंतु स्थिति यह है कि कुलगुरु, प्रभारी कुलसचिव, सहायक कुलसचिव (सागर में 2), वित्त नियंत्रक सहित मात्र 4 से 5 पदों पर ही नियुक्ति इन विश्वविद्यालयों में की जा सकी है।