मासलपुर स्थित तिमनगढ़ किले की तलहटी में स्थित सागर सरोवर पर गंगा दशहरा का विशाल मेला आयोजित हुआ।
करौली के मासलपुर स्थित तिमनगढ़ किले की तलहटी में स्थित सागर सरोवर पर गंगा दशहरा का विशाल मेला आयोजित हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान किया और सुख-समृद्धि की कामना की।
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श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पूर्वजों की स्मृति में अस्थि विसर्जन किया। सरोवर की पाल पर पारंपरिक हाट-बाजार लगा। करौली, धौलपुर, भरतपुर और आगरा से आए व्यापारियों ने अपनी दुकानें लगाईं।
सागर सरोवर का इतिहास 1200 वर्ष पुराना है। तिमनगढ़ के राजा तिमनपाल ने अपने कुलगुरु के निर्देश पर 68 तीर्थों का जल यहां प्रवाहित करवाया था। तब से यह स्थान पवित्र तीर्थ स्थल के रूप में मान्य है। सरोवर का परिसर संतों की तपोभूमि रहा है। संत गोमती दास महाराज, मेंढकी दास महाराज, सत्यनाथ और अनार खोह जैसे संतों ने यहां तपस्या की। आज भी उनके तप स्थल मौजूद हैं।
मेले की व्यवस्था गांव के पंच-पटेलों और समाजसेवियों ने की। सुरक्षा के लिए स्थानीय युवाओं की टीमें और पुलिस बल तैनात किया गया। सागर सरोवर मासलपुर से 9 किलोमीटर दूर, भोजपुर गांव के पास आगरा सड़क मार्ग पर स्थित है। यह स्थान क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।