गया जी में राष्ट्रीय महिला आयोग अब सीधे जमीन पर उतर आया है। महिलाओं को न्याय दिलाने की दिशा में आयोग का ‘आपके द्वार पर जनसुनवाई’ अभियान असरदार दिख रहा। आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर खुद पीड़िताओं से मिलीं, केस की स्थिति जानी और अफसरों
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गया स्थित एसएसपी कार्यालय में बुधवार को जनसुनवाई आयोजित हुई। इस दौरान कुल 58 मामलों की सुनवाई की गई। इनमें 50 केस पूर्व निर्धारित थे, जबकि मौके पर आए 8 और पीड़ितों को भी सुनवाई का मौका मिला।
एसएसपी कार्यालय में जनसुनवाई।
रोज बड़ी संख्या में शिकायतें आती हैं
रहाटकर ने कहा कि आयोग में रोज बड़ी संख्या में शिकायतें आती हैं, लेकिन कुछ केस में किसी वजह से देरी होती है। इसीलिए लंबित मामलों की जनसुनवाई की जाती है। ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और पुलिस-प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय हो।
उन्होंने बताया कि गया दौरे के दौरान उन्होंने दो महत्वपूर्ण बैठकें की हैं। पहली बैठक वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न से जुड़ी थी। इसमें लोकल और इंटरनल कमेटियों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया। पांचों जिलों के कमेटी मेंबर्स को ट्रेनिंग भी दी गई। इसका परिणाम आने वाले दिनों में बेहतर मिलेगा।
आयोग हर पीड़िता के साथ न्याय करेगा
इसके अलावा रहाटकर ने सेंट्रल जेल में महिला बंदियों से मुलाकात की। उन्होंने जेल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। बंदियों के बच्चों की देखरेख और शिक्षा की स्थिति पर भी चर्चा की।
जब पूछा गया कि आयोग ने गया या बिहार में अब तक कितने मामलों को सूमो मोटो (स्वतः संज्ञान) में लिया है, तो पहले वे गोलमोल जवाब देने लगीं, लेकिन दूसरे ही क्षण उन्होंने स्वीकारा कि जिले के लुटुआ थाना क्षेत्र में 9 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के मामले को आयोग ने संज्ञान में लिया है। इस मामले में तीन दिनों के अंदर जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। रहाटकर ने भरोसा दिलाया कि आयोग पीड़िताओं की हर आवाज को सुनेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।