गाजा7 घंटे पहले
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राफा में मौजूद सुरंग। इसमें 200 से ज्यादा हमास लड़ाके फंसे हुए हैं।
गाजा के राफा बॉर्डर के पास करीब 200 हमास लड़ाके एक सुरंग में फंस गए हैं और वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। इजराइली मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये लड़ाके मार्च 2025 से यहां फंसे हुए हैं।
इजराइली सेना ने इनके बाहर निकलने का रास्ता बंद कर दिया है। इजराइली अधिकारियों के मुताबिक, ये लड़ाके गाजा के उस हिस्से में मौजूद हैं, जो इजराइल के नियंत्रण में है। वे सुरंगों के अंदर छिपे हैं, लेकिन अगर पीछे हटने की कोशिश करेंगे तो सीधे इजराइली सैनिकों (IDF) के हाथों पकड़े जाने का खतरा है।
वाईनेट न्यूज के मुताबिक इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि उन्हें सुरक्षित निकलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। वहीं, इजराइली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ एयाल जमीर ने कहा कि लड़ाकों को निकालने के लिए हमास से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हम उन्हें अंडरवियर में सैन्य ठिकाने ले जाएंगे।

नेतन्याहू ने लड़ाकों को निकालने का दावा खारिज किया
कुछ इजराइली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि अगर हमास के लड़ाके अपने हथियार डाल दें, तो उन्हें बाहर निकलने दिया जा सकता है।
हालांकि, नेतन्याहू के दफ्तर ने इस दावे को झूठा बताया और साफ किया कि किसी भी हमास सदस्य को माफी या सुरक्षित निकलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

सदे तेइमान में पकड़े गए कैदियों से पूछताछ होती है
सदे तेइमान एक सैन्य ठिकाना है जो इजराइल के नेगेव रेगिस्तान में गाजा की सीमा के नजदीक है और अक्टूबर 2023 के बाद इसे गाजा से पकड़े गए लोगों को रखने और पूछताछ करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पर हजारों फिलिस्तीन कैदी हैं।
जमीर ने सरकार को सलाह दी कि जब तक सभी बंधक और शहीद सैनिकों के शव वापस नहीं आ जाते, तब तक सीजफायर समझौते के अगले चरण पर नहीं बढ़ना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि गाजा को पूरी तरह से हथियारों से मुक्त किए बिना वहां किसी तरह का कामकाज शुरू नहीं होना चाहिए। दोनों पक्षों के बीच 10 अक्टूबर को सीजफायर हुआ था जो कि टूटने की स्थिति में पहुंच गया था।

इजराइली सेना गाजा में कब्जे वाले इलाकों में मौजूद सुरंगों की निगरानी करते हुए।
इजराइली सुरक्षा मंत्री की मांग- लड़ाकों को मार दिया जाए
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजराइल ने हमास को चेतावनी दी थी कि वे गाजा के अपने हिस्से में (यलो लाइन) पीछे हटें। इजराइली सेना (IDF) ने कहा है कि येलो लाइन पार करने वाले किसी भी व्यक्ति को दुश्मन माना जाएगा।
इजराइली सेना अभी राफा के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाए हुए है। इजराइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने मांग की कि येलो लाइन के पार पकड़े गए हर हमास लड़ाकों को मार दिया जाए या गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने रिहाई को मजाक बताया।

गाजा पट्टी में यलो लाइन को दिखाता पीला कंक्रीट ब्लॉक। इजराइल ने 4 सितंबर को गाजा से पीछे हटने के लिए शुरुआती सीमा रेखा (यलो लाइन) लिए सहमति जताई थी।
सुरंग में फंसे लड़ाके हमास-इजराइल के बीच सीजफायर से अनजान
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राफा में मौजूद हमास के लड़ाके, जिनसे पिछले 7-8 महीने से संपर्क नहीं हो पाया है, शायद यह भी नहीं जानते कि अब सीजफायर लागू हो चुका है। उनमें से एक ने कहा कि उन लड़ाकों को वहां से निकालना सीजफायर को बनाए रखने के लिए जरूरी है।
इस बीच मिस्र ने 6 नवंबर को इजराइल और हमास के बीच एक समझौते का प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया था कि हमास के लड़ाकों को सुरक्षित निकलने का रास्ता दिया जाए। इजराइल उन्हें मारने के बजाय किसी तीसरे देश या गाजा के दूसरे हिस्से में जाने का मौका दे।

राफा में सुरंगों से बाहर निकलने के रास्तों को इजराइली सेना सीमेंट भरकर बंद कर रही है।
लड़ाकों को छोड़ने के बदले हथियार डालने की शर्त
वहीं, समझौते के तहत लड़ाकों को छोड़ने के बदले में हमास के लड़ाके हथियार डाल दे और गाजा के नीचे बनी सुरंगों की पूरी जानकारी देंगे। ताकि इजराइल उन्हें नष्ट कर पाएगा। इस डील से मिस्र चाहता था कि युद्धविराम कायम रहे, क्योंकि राफा में लड़ाई बढ़ने से फिर से युद्ध छिड़ सकता था।
यह प्रस्ताव अमेरिका और कतर की जानकारी में था, ताकि गाजा में चल रहे संघर्षविराम को बचाया जा सके। इस पर अब तक हमास ने कोई जवाब नहीं दिया है। इजराइल ने भी यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है। उनका कहना है कि वे आतंकियों से कोई समझौता नहीं करेंगे।

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