छोटी दुकान, लेकिन स्वाद बड़ा
यह दुकान भले ही एक सामान्य गली में स्थित हो और बड़ी न हो, लेकिन इसका स्वाद दूर-दूर तक मशहूर है. दुकान पर आने वालों को यहां 50 से ज्यादा प्रकार की नमकीन और 10 से अधिक तरह की मठरी मिलती है. यह सारी चीजें न तो बाजार से आती हैं और न ही मशीनों से बनती हैं. सभी पूरी तरह देसी तरीके से, श्रवण सिंह के हाथों से बनाई जाती हैं.
गुरदेव नमकीन भंडार की एक खासियत यह भी है कि यहां देशभर के अलग-अलग क्षेत्रों की नमकीन मिलती है. बीकानेरी भुजिया, रतलामी सेव, मद्रासी मिक्सचर, दाल मिक्स, चने की नमकीन, शकरपारा और गुड़पारा जैसे कई स्वाद एक ही जगह पर उपलब्ध हैं. यह दुकान एक तरह से भारत के नमकीन स्वादों का संगम बन चुकी है.
मठरी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
जो लोग घर की बनी, कुरकुरी मठरी की तलाश में रहते हैं, उनके लिए यह दुकान किसी जन्नत से कम नहीं. यहां सादी मठरी, मसालेदार मठरी, जीरा मठरी, मैथी मठरी और खस्ता तली हुई मठरी जैसे कई विकल्प मौजूद हैं.
श्रवण सिंह बताते हैं कि उन्होंने कभी भी बाजार से तैयार नमकीन मंगवाकर नहीं बेची. उनका मानना है कि खाने में जो आत्मा होती है, वो तभी आती है जब आप उसे खुद अपने हाथों से बनाएं. वे शुद्ध तेल और देसी मसालों का इस्तेमाल करते हैं. यही कारण है कि उनके उत्पादों की शुरुआती कीमत ₹180 होते हुए भी ग्राहक सालों से उनसे जुड़े हुए हैं.
ग्राहक सिर्फ गाजियाबाद से नहीं, दूर-दूर से आते हैं
गुरदेव नमकीन भंडार की ख्याति गाजियाबाद तक सीमित नहीं है. दिल्ली, मेरठ, बुलंदशहर और खुर्जा जैसे शहरों से भी ग्राहक यहां के स्वाद के दीवाने बनकर आते हैं. खासकर त्योहारों के समय यहां इतनी भीड़ होती है कि दुकान के बाहर कतारें लग जाती हैं.