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गांधीनगर1 घंटे पहले
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गुजरात की राजधानी गांधीनगर में शुक्रवार सुबह 11.30 बजे नई कैबिनेट की शपथ होगी। गुरुवार को सीएम भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के सभी 16 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था।
इस फेरबदल को राज्य में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं, 2 डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं।
गुजरात कैबिनेट में सीएम समेत 17 मंत्री थे, जिसमें 8 कैबिनेट और 8 राज्य मंत्री (MoS) थे। अब यह संख्या बढ़कर 26 होगी। कांग्रेस से भाजपा में आए विधायक भी मंत्री बन सकते हैं।
गुजरात विधानसभा में 182 विधायक हैं। कुल संख्या के 15% की अधिकतम सीमा के लिहाज से सीएम समेत कुल 27 मंत्री हो सकते हैं।

गांधीनगर के महात्मा मंदिर में नई कैबिनेट को शपथ दिलाने की तैयारियां की गई हैं।
भूपेन्द्र का यह तीसरा मंत्रिमंडल होगा भूपेन्द्र पहली बार सितंबर 2021 में सीएम बने थे। तब विजय रूपाणी को अचानक हटाकर उन्हें सीएम बनाया था। फिर विधानसभा चुनाव के बाद 12 दिसंबर 2022 को वह तीसरी बार सीएम और 16 विधायक मंत्री बने। अब नया मंत्रिमंडल बन रहा है। इस पर देररात तक मंथन चला। लेकिन, तय माना जा रहा है कि निर्वतमान मंत्रिपरिषद के एक-दो चेहरों की नई मंत्रिपरिषद में पदोन्नति सहित वापसी हो सकती है।
कैबिनेट फेरबदल की वजह 2027 के चुनाव की तैयारी
- आलाकमान संतुष्ट नहीं: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मौजूदा सरकार के ज्यादातर मंत्री भाजपा आलाकमान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। इसके अलावा, हाल ही में हुए विसावदर विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कैंपेन के बावजूद भाजपा AAP के गोपाल इटालिया को हरा नहीं पाई थी।
- सत्ता विरोधी लहर: नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के बाद से गुजरात सरकार में लगातार बदलाव हुए हैं। आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी सरकारों के अचानक इस्तीफे और अब मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार में बदलाव। ये सारे बदलाव तभी हुए हैं, जब गुजरात की जनता में सत्ता विरोधी लहर का असर महसूस होने लगा।
- पुराने दिग्गजों को वापस लाना: चर्चा है कि विसावदर सीट के नतीजों ने भाजपा को चिंता में डाल दिया है। भाजपा में ताकतवर माने जाने वाले लेकिन लंबे समय से किसी न किसी वजह से दरकिनार किए गए नेताओं को अब बड़े पद दिए जाएंगे और नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
- तीन साल से सरकार में बदलाव नहीं: 2022 में भूपेंद्र पटेल को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद तीन साल से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जनवरी में नगर पंचायत चुनाव और दो साल बाद 2027 में चुनाव होने हैं। ताजा फेरबदल को इसकी तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
- साल के अंत में होने हैं मनपा-निकाय चुनाव: गुजरात में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं। लेकिन, इससे पहले यानी दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में मनपा और नगर निकाय चुनाव होंगे। इन्हें जीतना भाजपा के लिए बड़ी राजनीतिक चुनौती है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर नेताओं की नापसंदगी के कई वाकये हो चुके हैं।

भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में ये थे मंत्री…

अमित शाह रात को गुजरात पहुंचें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार सुबह गुजरात जा सकते हैं। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवारी की शाम गांधीनगर पहुंच गए थे।
इस राजनीतिक घटनाक्रम से पहले ही राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील बंसल गुरुवार की दोपहर गुजरात पहुंच गए थे। रात 9 बजे सीएम भूपेंद्र पटेल के आवास पर मंत्रिमंडल की मीटिंग हुई। इसके बाद राज्यपाल को नए मंत्रियों की सूची सौंप दी गई थी।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने 12 दिसबंर, 2022 को पीएम की मौजूदगी में 16 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी।
कांग्रेस से आए नेताओं को मिल सकता है मंत्रीपद
नए मंत्रिमंडल में 16 में से 7-10 मंत्रियों को ड्रॉप और 3-5 मंत्री रिपीट किए जा सकते हैं। नए चेहरों में कांग्रेस से आए अर्जुन मोढवाड़िया, अल्पेश ठाकोर, सीजे चावड़ा और हार्दिक पटेल को मौका मिल सकता है।
सौराष्ट्र से जयेश रादडिया और जीतू वाघानी को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है। खासकर पाटीदारों और उत्तर गुजरात से ठाकोर समुदाय को तवज्जो दी जाएगी।
इसके अलावा, जिन राज्य मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है, उनमें मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, पंचायत मंत्री बच्चूभाई खाबर, वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भीखूसिंह परमार और आदिवासी विकास मंत्री कुंवरजी हलपति शामिल हैं।

2021 में रूपाणी का पूरा मंत्रिमंडल बदल गया था

4 साल पहले, भाजपा आलाकमान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत पूरे मंत्रिमंडल को अचानक बदलकर सबको चौंका दिया था। एक ऐसे घटनाक्रम में, जिसकी किसी को उम्मीद भी नहीं थी, विजय रूपाणी इस्तीफा देने राजभवन पहुंच गए थे। उनके इस्तीफे के बाद, भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2022 के चुनावों में 156 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की।

सियासी तूफान अगस्त से अक्टूबर तक ही आते हैं दिलचस्प बात यह है कि सरकार बनने के बाद 16 बार मंत्रिमंडल का विस्तार अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में ही हुआ है।
1962-1994: 12 बार सितंबर 1965 में बलवंत राय की जगह हितेंद्र देसाई सीएम बने, तब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। अगस्त 1973 में चिमनभाई सीएम बने, तब अगस्त 1985, अक्टूबर 1990 में भी विस्तार हुआ।
1995-2007: 7 बार अक्टूबर 1995 में सुरेश मेहता ने केशुभाई की जगह ली और अक्टूबर 1996 में शंकरसिंह सीएम बने, अक्टूबर 1997 में दिलीप पारिख, अक्टूबर 2001 में मोदी के आने पर और 2003 व 2006 में भी मंत्रिमंडल बदला।
2008-2025: 9 बार अगस्त 2010 में, सितंबर 2011 में मोदी के कार्यकाल में, अगस्त 2016 में आनंदी पटेल के इस्तीफा। सितंबर 2021 में रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल के आने पर और अब अक्टूबर में विस्तार।
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