जबलपुर के सिहोरा में खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका की निसर्ग इस्पात फैक्ट्री परिसर में मृत गए पाए गए तेंदुए का पोस्टमार्टम रविवार को किया गया। इसमें पता चला है तेंदुए की मृत्यु बिजली के करंट लगने से हुई थी।
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नानाजी देशमुख वेटरनरी कॉलेज, स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ की फॉरेंसिक लैब के अनुसार, तेंदुए की मौत के बाद उसके पंजों के 18 नाखून और 4 कैनाइन दांत निकाल लिए गए। डीएफओ ऋषि मिश्र ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का शवदाह कर दिया गया।
घटना के संबंध में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। मौके और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण कान्हा टाइगर रिजर्व, मंडला से आए डॉग स्क्वॉड कर रहे हैं। जांच में क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स की भी मदद ली जा रही है।
निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 250 एकड़ में फैले फाॅर्म हाउस में चार जंगली सूअर और एक तेंदुए का शव मिला था। जानकारी लगते ही डीएफओ सहित वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी। मामले में डीएफओ ने लापरवाही बरतने पर दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। तीन को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार को तेंदुए के शव को जमीन से बाहर निकाला गया।
शनिवार तड़के वन विभाग को सूचना मिली कि निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड परिसर (फाॅर्म हाउस) की जमीन पर तेंदुए का शव दफनाया गया है। डीएफओ ऋषि मिश्र टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जेसीबी की मदद से गड्डा खुदवाया तो एक के बाद एक पांच स्थानों में जंगली सूअर और तेंदुए के शव मिले।

वन विभाग की टीम ने तेंदुए का शव बरामद किया।
जांच की गई तो पता चला कि एक सप्ताह पहले जिन तीन लोगों को शिकार के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, उन लोगों ने ही फॉर्म हाउस की जमीन पर जंगली जानवरों को दफनाया था।
वन परिक्षेत्र सिहोरा के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ के ग्राम घुघरा स्थित महेंद्र गोयनका के निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड परिसर (फाॅर्म हाउस) में पहले एक जंगली सूअर का करंट लगाकर शिकार किया गया और शव को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया गया।

डीएफओ टीम के साथ जांच के लिए पहुंचे थे।
जेसीबी से गाड़ दिया था शव वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि निसर्ग इस्पात के कर्मचारी फाॅर्म हाउस क्षेत्र में जंगली सुअरों का शिकार कर रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ कि दो सुअरों को करंट लगाकर मारा गया और फिर सबूत छिपाने के लिए जेसीबी से खुदवाकर गड्ढों में दफना दिया गया। निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड ने करीब ढाई सौ एकड़ जमीन पर फाॅर्म हाउस बनाया है।
अभी तक 4 जंगली सूअर और एक तेंदुए का शव मिला है। मामला गंभीर है। अभी तक निसर्ग इस्पात कंपनी के मैनेजर अनुराग द्विवेदी, जेसीबी ऑपरेटर बृजेश विश्वकर्मा और कर्मचारी मोहित दहिया को गिरफ्तार किया।
तीनों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार, वन विभाग अब जल्द ही निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के मालिक महेंद्र गोयनका से भी पूछताछ करेगा।

फॉर्म हाउस की जमीन जहां से जानवरों के शवों को निकाला गया।
डिप्टी रेंजर और बीट गार्ड निलंबित जबलपुर डीएफओ ऋषि मिश्र ने जांच में देरी करने और लापरवाही किए जाने को लेकर डिप्टी रेंजर यादवेंद्र यादव और बीट गार्ड जितेंद्र अग्रवाल को निलंबित कर दिया है। दोनों को अन्य परिक्षेत्र में भेजा है। घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग रखने वाला डीवीआर रहस्यमय तरीके से जल गया। वन विभाग को आशंका है कि यह सबूत मिटाने की सुनियोजित कोशिश हो सकती है।
डीएफओ के मुताबिक जंगली सूअर और तेंदुए के अवशेषों की जांच करवाई जा रही है। वन विभाग की सिहोरा, कुंडम और पनागर रेंज की टीमों द्वारा लगातार सर्चिंग की जा रही है। डॉग स्क्वॉड की जांच के दौरान एक और जंगली जानवर का शव बरामद किया गया है। शव की उम्र और प्रजाति का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलेगा।
सिहोरा के घुघरा औद्योगिक क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार की आशंका पहले भी सामने आई है। 14 अक्टूबर को फैक्ट्री में जंगल से भटककर आए दो जंगली सूअर का शिकार कर शव वहीं दफन करने का मामला उजागर हुआ था।
इस मामले में फैक्ट्री के तीन कर्मचारियों को जेल भेजा गया था। अब तेंदुए की मौत के बाद फैक्ट्री प्रबंधन जांच के घेरे में है। वन विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि करंट लगने से हुई मौत में कई पहलुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।
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