सफेद मक्खन यानी देशी मक्खन, जो पारंपरिक तरीके से दही या मट्ठा से तैयार किया जाता है. इसमें किसी भी तरह का रंग या केमिकल नहीं होता, इसलिए इसका रंग हल्का सफेद या क्रीमिश होता है. वहीं पीला बटर अक्सर मलाई या फैट को प्रोसेस करके बनाया जाता है और कई बार उसमें कृत्रिम रंग या नमक मिलाया जाता है ताकि वह लंबे समय तक टिके. इस वजह से बाजार से मिलने वाला बटर स्वास्थ्य के लिहाज से हमेशा सही नहीं होता.
सफेद मक्खन बनाने के लिए सबसे पहले आपको शुद्ध दूध की मलाई या घर का दही चाहिए. इस प्रक्रिया को आप दो तरीकों से कर सकते हैं – मथने से या मिक्सर की मदद से.
ताजा दही – 1 लीटर
ठंडा पानी – 2 कप
बर्फ के टुकड़े – आवश्यकता अनुसार
सबसे पहले दही को एक बड़े बर्तन में लें और उसमें ठंडा पानी मिलाएं.
अब लकड़ी की मथनी या हैंड ब्लेंडर से इस दही को 10-15 मिनट तक मथें.
कुछ देर बाद सफेद मक्खन दही से अलग होने लगेगा और ऊपर तैरने लगेगा.
जैसे ही मक्खन पूरी तरह अलग हो जाए, उसे निकालकर बर्फ के ठंडे पानी में डालें.
इससे मक्खन जम जाता है और ताजगी बनी रहती है.
तैयार मक्खन को किसी स्टील या कांच की डिब्बी में भरकर फ्रिज में रखें.
सफेद मक्खन के फायदे
यह पेट को ठंडक देता है और आयुर्वेद के अनुसार पाचन क्रिया को मजबूत करता है.
जो लोग बहुत दुबले हैं, उनके लिए सफेद मक्खन और गुड़ का सेवन फायदेमंद होता है.
यह वजन बढ़ाने के लिए फायदेमंद है.
यह स्किन और बालों के लिए फायदेमंद है.
इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाते हैं.
यह इम्यूनिटी बढ़ाता है. देसी मक्खन में ओमेगा-3 और जरूरी फैटी एसिड्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.