Tuesday, December 2, 2025
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घुमंतू परिवारों को घर देने की तैयारी… यूपी-गुजरात के बाद अब द‍िल्‍ली सरकार का ऐलान, बीजेपी का इतना फोकस क्‍यों?


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बीजेपी शासित राज्यों में घुमंतू और विमुक्त जातियों को घर, रोजगार और पहचान देने की योजनाएं चल रही हैं. इससे बीजेपी नया वोट बैंक और सुरक्षा डेटा मजबूत कर रही है.

घुमंतू परिवारों को घर देने जा रही बीजेपी... आख‍िर इतना फोकस क्‍यों?
बीजेपी शासित राज्यों में एक-एक करके घुमंतू और विमुक्त जातियों को स्थायी आशियाना देने का ऐलान हो रहा है. उत्तर प्रदेश और गुजरात में यह काम पहले शुरू हुआ और अब दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि हर घुमंतू परिवार को घर और रोजगार मिलेगा. सवाल उठता है क‍ि आखिर बीजेपी का इतना फोकस क्यों है? घुमंतू समुदाय दशकों से बेघर और पहचान से वंचित रहा है. बीजेपी अब उन्हें घर, शिक्षा और रोजगार देकर स्थायी वोटर बेस में बदलना चाहती है. यह सिर्फ कल्याणकारी योजना नहीं, बल्कि एक पॉलिटिकल मास्टरस्ट्रोक है. भारत में घुमंतू और अर्द्ध-घुमंतू लोगों की कोई सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है, लेकिन विभिन्न रिपोर्टों और अनुमानों के अनुसार, यह संख्या लगभग 15 करोड़ हो सकती है.  इनमें 150 डी-नोटिफाइड जातियाँ और लगभग 500 घुमंतू समुदाय शामिल हैं.

घुमंतू और विमुक्त जातियां आजादी के 78 साल बाद भी सबसे पिछड़े और उपेक्षित समुदायों में गिनी जाती हैं. इनके पास न घर है, न स्थायी पहचान. शिक्षा और स्वास्थ्य से भी ये समुदाय वंचित रहे. अब बीजेपी शासित राज्य इनकी पहचान और पुनर्वास पर जोर दे रहे हैं. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में घुमंतू परिवारों की पहचान और पुनर्वास के लिए योजना शुरू की थी. अब दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार ने वही रास्ता अपनाया है. हर परिवार को घर, रोजगार और शिक्षा के अवसर देने की बात की जा रही है.

किन-किन राज्यों में हुई ऐसी कोशिशें

उत्तर प्रदेश: योगी सरकार ने घुमंतू परिवारों को पक्के घर और पहचान पत्र देने की योजना शुरू की.

गुजरात: विमुक्त जातियों के बच्चों को विशेष छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाएं दी गईं.

मध्य प्रदेश: शिवराज सरकार ने कुछ समुदायों को राशन कार्ड और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा.

दिल्ली: अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हर परिवार को घर देने का ऐलान किया है.

बीजेपी को क्या मिलेगा फायदा?

राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो बीजेपी इन समुदायों को नया वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही है. अभी तक ये परिवार बंटे हुए थे और किसी एक दल से जुड़ नहीं पाए थे. स्थायी आवास और पहचान मिलने के बाद ये समुदाय बीजेपी के साथ खड़े हो सकते हैं. एक ओर घुमंतू समुदाय को शिक्षा, स्वास्थ्य और स्थायी आशियाना मिलेगा तो उनकी परेशानी खत्‍म होगी. दूसरी तरफ बीजेपी को एक नया भरोसेमंद वोट बैंक मिलेगा.

क्या है कोई सीक्रेट एजेंडा?

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी की इन योजनाओं के पीछे डबल स्ट्रेटेजी है. पहला, सामाजिक न्याय और पिछड़े समुदायों को साथ लाना और दूसरा अवैध घुसपैठियों की पहचान करना. दरअसल, जब हर घुमंतू परिवार को स्थायी घर और पहचान दी जाएगी, तो स्वाभाविक है कि बाहरी घुसपैठिए फिल्टर हो जाएंगे. बीजेपी इस डेटा का इस्तेमाल सुरक्षा और जनसंख्या प्रबंधन में कर सकती है. बीजेपी नेताओं के बयान बताते हैं कि यह योजना केवल पुनर्वास तक सीमित नहीं. जब हर घुमंतू परिवार का डेटा और पहचान दर्ज होगी, तो इसमें छिपे अवैध घुसपैठिए अलग हो जाएंगे. यानी बीजेपी इस मिशन से सामाजिक कल्याण के साथ-साथ सुरक्षा और जनसंख्या प्रबंधन पर भी काम कर रही है.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group… और पढ़ें

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