छतरपुर शहर में मेला ग्राउंड में लगने वाली प्रदर्शनी के विरोध में व्यापारियों ने सोमवार शाम तहसील कार्यालय में एसडीएम के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। व्यापारियों ने प्रदर्शनी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
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ज्ञापन में व्यापारियों ने बताया कि प्रशासन द्वारा मेला ग्राउंड के आधे हिस्से में साल में छह महीने तक प्रदर्शनी लगाने की अनुमति दी जाती है। इससे स्थानीय दुकानदारों के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और कई छोटे दुकानदार बंद होने की कगार पर हैं। विशेषकर गर्मी और सर्दी के मौसम में, जब बाहर के व्यापारी दुकानें लगाते हैं, कपड़ा व्यापारियों की बिक्री प्रभावित होती है।
व्यापारियों का आरोप है कि मेला ग्राउंड की जमीन नजूल शाखा की है, जिस पर नियमानुसार कलेक्टर को ही अनुमति देने का अधिकार है। हालांकि, नगर पालिका सीएमओ और एसडीएम कथित तौर पर मेला ठेकेदारों को गुपचुप तरीके से जमीन आवंटित कर देते हैं। व्यापारियों ने यह भी कहा कि ‘लोकल फॉर वोकल’ को बढ़ावा देने के नाम पर अधिकारियों को गुमराह किया जाता है, जबकि प्रदर्शनी में 90 प्रतिशत दुकानें बाहर की होती हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रदर्शनी लगने से रात के समय मेला ठेकेदार और उनके दुकानदार नशाखोरी करते हैं। शाम 7 बजे के बाद मेला ग्राउंड असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। पिछले अगस्त माह में भी प्रदर्शनी के दौरान रात में मारपीट की घटना सामने आई थी। यह जमीन पहले रविवार बाजार (सब्जी मार्केट) के लिए उपयोग की जाती थी।
इस दौरान बलदेव प्रसाद चौरसिया, जयप्रकाश पहाड़िया, कोमल असाटी, पुष्पेंद्र कुमार, नरेंद्र कुमार चौरसिया सहित कई व्यापारी मौजूद रहे। उन्होंने एसडीएम से मेला प्रदर्शनी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की।

