सनी गुप्ता, संभल2 मिनट पहले
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संभल की शाही जामा मस्जिद बनाम श्रीहरिहर मंदिर सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में मुरादाबाद जेल में बंद इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। न्यायमूर्ति समीर जैन ने 24 जुलाई को उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।
जफर अली पिछले चार महीने से मुरादाबाद जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के पांच दिन बाद भी आदेश पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है। इस कारण बेल बॉन्ड न्यायालय में जमा नहीं हो सका है। इसलिए आज की रात भी उन्हें जेल में ही बितानी पड़ेगी।

अधिवक्ता इरशाद अहमद ने बताया कि इलाहाबाद कोर्ट के न्यायमूर्ति समीर जैन ने इस मामले में सुनवाई की थी। जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 335/24 में जेल भेजा गया था। इसी मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक पुत्र सुहैल इक़बाल भी नामजद हैं।

23 मार्च को एसआईटी ने जफर अली से 4 घंटे पूछताछ की थी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था।
19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है। उसी दिन शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ। दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ था।

मस्जिद में सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। उग्र भीड़ ने कई गाड़ियों को भी फूंक दिया था। इस मामले में तीन हत्यारोपी, तीन महिलाएं और इंतजामिया मस्जिद सदर जफर अली सहित कुल 96 अभियुक्तों को जेल भेजा गया है।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 40 लोगों के खिलाफ नाम से मुकदमा दर्ज किया था जबकि 2750 अज्ञात के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई, 18 जून को SIT ने लगभग 1128 पन्नों में सांसद बर्क सहित 23 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, हालांकि सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में नहीं है।