जल गंगा संवर्धन अभियान में अच्छा कार्य करने के मामले में खंडवा जिले ने प्रथम स्थान, रायसेन ने दूसरा और बालाघाट ने तीसरा स्थान पाया है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा शुक्रवार को जिला व जनपद स्तरीय पुरस्कार की सूची जारी की गई है। जल गंगा
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खेत-तालाब के निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले
जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाले जिले को पुरस्कार देने के लिए “ए” तथा “बी” दो कैटेगरी बनाई गई थी। “ए” श्रेणी में 4 या उससे कम जनपदों को शामिल किया गया जबकि बी श्रेणी में 5 या उससे अधिक जनपदों को शामिल किया गया था। शुक्रवार को जारी सूची में “ए” श्रेणी जिसमें 4 या उससे कम जनपद है, उसमें अनूपपुर जिला व बी श्रेणी जिसमें 5 या इससे अधिक जनपद है, उसमें बालाघाट जिले ने अपना स्थान बनाया है।
विकासखंड स्तर पर खेत-तालाब निर्माण करने वाली श्रेष्ठ जनपद पंचायत
अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाली जनपद पंचायतों को विकासखंड स्तर पर पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। विकासखंड स्तरीय पुरस्कार के लिए भी ए और बी श्रेणी निर्धारित की गई थी। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों को शामिल किया गया था, जबकि “बी” श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपदों को शामिल किया गया था। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों में बालाघाट जिले की बिरसा जनपद पंचायत ने अपना स्थान बनाया है। “बी” श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपद पंचायत में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ की जनपद पंचायत ने अपनी जगह बनाई है।
तीन माह तक चला जल गंगा संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में बारिश के पानी को सहेजने व पुरानी जल संरचनाओं को नया जीवन देने के लिए 30 मार्च से 30 जून तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से गुड़ी पड़वा पर की थी। अभियान का समापन खंडवा में हुआ है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तीन माह में प्रदेश में 84 हजार 930 से अधिक खेत-तालाब, एक हजार 283 अमृत सरोवर और एक लाख 4 हजार 294 से अधिक रिचार्ज पिट और 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है या निर्माणाधीन है। इनसे एक लाख 67 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेगी।