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Mumbai Savarkar Sadan: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सावरकर सदन को धरोहर का दर्जा देने पर रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया. एमएचसीसी ने सावरकर सदन को धरोहर घोषित करने की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक कोई प…और पढ़ें
सावरकर सदन को धरोहर घोषित करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
हाइलाइट्स
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार से सावरकर सदन पर रुख स्पष्ट करने को कहा.
- एमएचसीसी ने सावरकर सदन को धरोहर घोषित करने की सिफारिश की थी.
- अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी.
मंगलवार को चीफ जस्टिस आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ को एक सरकारी वकील ने सूचित किया कि एमएचसीसी को एक नई सिफारिश करनी होगी. इसके बाद अदालत ने इसके पीछे के कारण पर सवाल उठाया. पीठ ने कहा, “पहले की सिफ़ारिश में क्या दिक्कत है? एमएचसीसी ने सिफ़ारिश की थी, इसलिए बीएमसी ने आपको (सरकार को) पत्र लिखकर इसे ग्रेड दो धरोहर संरचना घोषित करने के लिए कहा.”
इस जनहित याचिका में राज्य सरकार से 2012 में इस इमारत को मुंबई की आधिकारिक धरोहर सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था. याचिकाकर्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिफ़ारिश के बावजूद, शहरी विकास विभाग एक दशक से भी ज़्यादा समय से कोई कार्रवाई करने में विफल रहा है.
याचिका में केंद्र सरकार से सावरकर सदन को ‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’ घोषित करने पर विचार करने का भी आग्रह किया गया, हालांकि मौजूदा मानदंडों के तहत इसकी आयु 100 वर्ष से कम है. जिन्ना हाउस से तुलना करते हुए, याचिकाकर्ता ने सवाल किया कि सावरकर सदन को इसी तरह की मान्यता क्यों नहीं दी गई. जिन्ना हाउस को संरक्षित धरोहर का दर्जा प्राप्त है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें