Monday, July 7, 2025
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जीरो बजट ऑर्गेनिक खेती वाला किसान, कैलेंडर में छपी तस्वीर: सऊदी अरब से खजूर के बीज मंगाकर उगाए पौधे; 50 किसानों को कर चुके ट्रेंड – Sawai Madhopur News


सवाई माधोपुर में जीरो बजट में खेती करने वाले किसान जानकी लाल मीणा (60) देशभर के किसानों के लिए मिसाल हैं। वे इलाके के 50 किसानों को जैविक खेती में ट्रेंड कर चुके हैं। उनका कहना है कि अगर किसान पारंपरिक भारतीय पद्धति से खेती करें तो जीरो बजट में खेती

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अमरूद और टाइगर के लिए फेमस सवाई माधोपुर के किसान जानकी लाल ने सिर्फ कहा ही नहीं, बल्कि करके दिखाया। खेती और पशुपालन के जरिए वे किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ मोड़ रहे हैं। परंपरागत खेती के साथ ही वे बागवानी खेती कर रहे हैं।

खेतों के लिए खाद, कीटनाशक, स्प्रे और रसोई के लिए गैस तक की व्यवस्था वे अपने स्तर पर कर लेते हैं। उनके इस इनोवेशन को देख उनकी तस्वीर को कैलेंडर में प्रकाशित किया गया।

म्हारे देस की खेती में आज बात सवाई माधोपुर के किसान जानकी लाल मीणा की….

किसान जानकी लाल मीणा अपने खेत में लगे चीकू के पेड़ के बारे में बताते हुए।

सवाई माधोपुर जिले के सूरवाल गांव के रहने वाले जानकी लाल मीणा प्रगतिशील किसान हैं। सूरवाल गांव में रहकर जानकी लाल मीणा पूरी तरह जैविक खेती कर रहे हैं।

वे प्राकृतिक तरीके से केंचुआ खाद तैयार कर खेती के उपयोग में ले रहे हैं। इसी के साथ ही जानकी लाल कई तरह के प्रयोग अपने खेतों में कर रहे हैं।

जानकी लाल गोबर गैस से अपने घर का चूल्हा भी जला रहे हैं। जानकी लाल कई सरकारी ट्रेनिंग में जैविक खेती के तरीके सिखाने के लिए भी जाते हैं। साथ ही आसपास के 50 किसानों को जैविक खेती की ट्रेनिंग भी दे चुके हैं। सवाई माधोपुर कृषि विभाग ने KVK (कृषि विज्ञान केंद्र) के बोर्ड पर जानकी लाल का नाम लिख दिया।

कृषि विज्ञान केंद्र के बोर्ड पर जैविक खेती के क्षेत्र में किए गए काम के कारण किसान जानकी लाल मीणा का नाम दर्ज किया गया है।

कृषि विज्ञान केंद्र के बोर्ड पर जैविक खेती के क्षेत्र में किए गए काम के कारण किसान जानकी लाल मीणा का नाम दर्ज किया गया है।

रासायनिक खाद नहीं, जैविक खाद डालें किसान जानकी लाल ने कहा- आजकल खेती-किसानी में पैदावार बढ़ाने को लेकर ज्यादातर किसान रासायनिक दवाओं, खाद और तरह-तरह के कीटनाशक व उर्वरकों का उपयोग कर रहे हैं।

इसमें काफी पैसा लगता है और जहरीली पैदावार मिलती है। किसानों को जीरो बजट खेती तकनीक को अपनाना चाहिए। यह बिल्कुल मुश्किल नहीं है। इसमें मुनाफा अधिक है।

जानकी लाल खेत में गोबर की खाद डालने की बात कहते हैं। उनका कहना है कि किसान गाय के गोबर से केंचुए की खाद तैयार कर सकते हैं। कच्चे गोबर की लेयर से केंचुए तैयार हो जाते हैं। ये खेत की नमी और जैविकता को बनाए रखते हैं। इससे बेहतर खाद खेत के लिए और कोई नहीं।

क्या है जीरो बजट खेती

किसान ने बताया- जीरो बजट प्राकृतिक खेती (Zero Budget Natural Farming या ZBNF) एक तकनीक है। इसमें रसायनों और कीटनाशकों का उपयोग किए बिना, प्राकृतिक तरीकों से खेती की जाती है।

इससे लागत कम आती है। किसान अपनी फसलों के लिए खाद और कीटनाशक अपने ही खेत में, देसी गाय के गोबर, गोमूत्र और अन्य प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग कर बना सकते हैं। मेरा दावा है कि उन्हें किसी भी काम के लिए बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

किसान जानकी लाल मीणा गोबर आधारित खेती करते हैं। वे गोबर से खाद, कीटनाशक और स्प्रे तैयार करते हैं।

किसान जानकी लाल मीणा गोबर आधारित खेती करते हैं। वे गोबर से खाद, कीटनाशक और स्प्रे तैयार करते हैं।

इस तरह करते हैं जीरो बजट खेती

जानकी लाल ने बताया- प्राकृतिक रूप से केंचुए की खाद तैयार कर खेतों में उपयोग लिया जाना चाहिए। मैं अपने घर पर गोबर गैस का उपयोग कर रहा हूं। गोबर गैस से ही परिवार के लोग अपने लिए खाना तैयार कर रहे हैं।

जानकी लाल ने बायोगैस का प्लांट दिखाया। जिसे उन्होंने अपने स्तर पर ही तैयार किया है। उन्होंने बताया कि गाय के गोबर को एक टैंक में डाला जाता है। इसमें पानी मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। एक रोलर से इसे घुमाकर मिक्स किया जाता है।

इसके बाद इसे ढक दिया जाता है। एक पाइप के जरिए गैस प्लांट में जाती है। वहां से यह गैस बायोगैस में कन्वर्ट होकर पाइप के जरिए रसोई घर तक पहुंचती है।

गोबर गैस प्लांट के बारे में किसानों को जानकारी देते किसान जानकी लाल।

गोबर गैस प्लांट के बारे में किसानों को जानकारी देते किसान जानकी लाल।

इस इनोवेशन के लिए राजस्थानी भाषा और संस्कृति प्रचार मंडल (अहमदाबाद) की ओर से सितंबर-अक्टूबर 2025 के कैलेंडर पर जानकी लाल की तस्वीर लगाई है। इसमें वे गोबर गैस प्लांट और रसोई में उसका इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे हैं।

खेत मे पैदा होने वाली फसलों के माध्यम से बिना कोई अतिरिक्त खर्च किए पैदावार करना और पैदावार बढ़ाना ही जीरो बजट खेती है। जीरो बजट खेती के माध्यम से खेत का पैसा खेत में गांव का पैसा गांव में और देश का पैसा देश में रखा जा सकता है।

जैविक खेती से प्रकृति को कोई नुकसान नहीं होता और पैदावार भी बढ़ती है। इतना ही नहीं, जैविक खेती से तैयार की गई फसल से हमारे स्वास्थ्य पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।

सऊदी अरब से मंगाए खजूर के बीज, पाकिस्तान से नींबू जानकी लाल ने बताया- मैंने अपने खेतों में कई प्रकार के पौधे भी तैयार किए हैं। पाकिस्तान की प्रसिद्ध किस्म कुंभकार नींबू अपने खेत में लगाई है। इस किस्म के पौधे में साल भर नींबू लगते हैं।

नींबू के साथ ही सऊदी अरब से 2023 में खजूर के 500 ग्राम बीज मंगाए। इनमें से 20 पौधे तैयार हो चुके हैं। जिन पर रिसर्च कर रहा हूं। इसके अलावा विभिन्न किस्म के अलग-अलग आम, चीकू और अमरूद के पौधे भी लगाए हैं। कई तरह के पौधे तैयार करने के प्रयोग भी किए हैं।

उनके खेत में केसर किस्म का आम भी है। एक पेड़ से करीब 1500 क्विंटल आम ले चुके हैं। उनके खेत में 12 वैराइटी के आम के पेड़ हैं। उन्होंने चीकू के पेड़ भी लगा रखे हैं। एक पेड़ से डेढ़ क्विंटल चीकू का उत्पादन वे ले चुके हैं। खेत में सीताफल के पेड़ भी हैं। जैविक खेती कर सालाना 10 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई हो रही है।

जानकी लाल मीणा ने बताया- 2009 में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने सम्मानित किया था। तब से मैं आसपास के किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर रहा हूं। किसान अगर खेती के साथ पशुपालन करे तो उसे किसी भी खर्च के लिए बाजार का रुख करने की जरूरत नहीं है।

किसान जानकी लाल मीणा के बायोगैस प्लांट को इनोवेशन को कैलेंडर में जगह मिली है।

किसान जानकी लाल मीणा के बायोगैस प्लांट को इनोवेशन को कैलेंडर में जगह मिली है।

कृषि विभाग के सहायक निदेशक बोले- किसानों को दे रहे ट्रेनिंग कृषि विभाग के सहायक निदेशक खेमराज मीणा ने बताया- नैचुरल खेती के लिए सवाई माधोपुर जिले में 29 कलस्टर बनाए गए। 125 किसानों का चयन किया गया। इन्हें ट्रेनिंग दी गई। जीवामृत, बीजामृत जैसे खाद बनाने की क्रिया समझाई गई।

जानकी लाल जैसे किसान की मदद लेकर किसानों को लगातार ट्रेंड कर रहे हैं ताकि ऑर्गेनिक खेती का दायरा बढ़े और यूरिया व रासायनिक खाद पर निर्भरता कम हो। भोजन गुणवत्तापूर्ण हो। मिट्‌टी की उर्वरता बनी रहे।

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