वॉशिंगटन डीसी15 मिनट पहले
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ट्रम्प रविवार को न्यूज चैनल CBS के कार्यक्रम 60 मिनट में शामिल हुए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है। उन्होंने यह बयान रविवार को CBS न्यूज को दिए इंटरव्यू में दिया।
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि दुनिया को 150 बार नष्ट किया जा सकता है, लेकिन रूस और चीन की गतिविधियों के चलते टेस्ट करना जरूरी है।
जब ट्रम्प से पूछा गया कि नॉर्थ कोरिया के अलावा कोई भी परमाणु टेस्ट नहीं कर रहा तो आप क्यों कर रहे हैं? इस पर ट्रम्प ने कहा कि रूस,पाकिस्तान और चीन भी गुप्त परीक्षण कर रहे हैं, बस दुनिया को पता नहीं चलता।
ट्रम्प पहले ही रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की तुरंत टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दे चुके हैं।
भारत-पाक संघर्ष रोकने का दावा दोहराया
ट्रम्प ने फिर से दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई थी। ट्रम्प ने कहा,
भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध की कगार पर थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खड़े होकर बोले थे… अगर मैं बीच में नहीं आता तो लाखों लोग मारे जाते।

ट्रम्प ने कहा कि उनकी दखल के बाद ही हालात शांत हुए और दोनों देशों के बीच लड़ाई नहीं बढ़ी। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने यह दावा किया हो। वे अब तक 70 से ज्यादा बार यह दावा कर चुके हैं।
दिया।
ट्रम्प ने पिछले हफ्ते साउथ कोरिया में दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों पर 250% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। इसके दो दिन बाद दोनों ने फोन किया और सीजफायर पर सहमति जता दी।

ट्रम्प ने दूसरे मुद्दों पर भी बात रखी…
चीन और ताइवान- ट्रम्प ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर उसने ताइवान पर हमला किया, तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
अगर ताइवान पर हमला हुआ तो वह (शी जिनपिंग) जानते हैं कि इसका जवाब क्या होगा। उन्होंने हमारी मुलाकात में इस पर बात नहीं की, क्योंकि वह नतीजे जानते हैं।

ट्रम्प ने दावा किया है कि जिनपिंग ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जब तक ट्रम्प राष्ट्रपति हैं, तब तक चीन ताइवान को अपने नियंत्रण में लेने की कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा।
ट्रम्प का दावा है कि उनके पहले कार्यकाल में चीन ने कभी ताइवान पर हमले की हिम्मत नहीं की थी, क्योंकि उसे अमेरिका की सख्त प्रतिक्रिया का डर था।
पुतिन और जिनपिंग- ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की खुलकर तारीफ की है।
इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि पुतिन और शी जिनपिंग में से किससे निपटना ज्यादा मुश्किल है, तो उन्होंने कहा
दोनों कठिन हैं, दोनों स्मार्ट हैं। ये वो लोग हैं जिनसे खेला नहीं जा सकता। ये मजाक के लिए नहीं बैठे होते। ये गंभीर और मजबूत नेता हैं।

परमाणु हथियारों की टेस्टिंग से अमेरिका में 6.9 लाख मौतें
अमेरिकी सांसदों का मानना है कि अगर अमेरिका फिर से परमाणु परीक्षण नहीं करेगा तो उसका परमाणु हथियार भंडार कमजोर पड़ सकता है। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि बिना धमाका किए भी आधुनिक तकनीक से हथियारों की स्थिति जांची और उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है।
2017 में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के अर्थशास्त्री कीथ मेयर्स की एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में पहले हुए परमाणु परीक्षणों से निकले रेडिएशन की वजह से लगभग 6.9 लाख अमेरिकी नागरिकों की मौतें हुईं या उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा।
21वीं सदी में अब तक केवल उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किए हैं। अमेरिका और दक्षिण कोरिया लगातार किम जोंग उन पर दबाव बनाते रहे हैं कि वह परमाणु हथियार छोड़ दे और शांतिपूर्ण समझौते की दिशा में बढ़े।
ट्रम्प ने परमाणु परीक्षण के आदेश को सही ठहराया
ट्रम्प ने 3 दशक बाद अमेरिका के फिर से परमाणु हथियार का परीक्षण के आदेश को सही ठहराया। उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि कहा, “रूस और चीन दोनों ऐसा कर रहे हैं। हमारे पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, लेकिन हम नहीं करते… लेकिन बाकी देश टेस्टिंग कर रहे हैं। मुझे लगता है कि हमें भी ऐसा करना चाहिए।”
उन्होंने यह नहीं बताया कि अमेरिका अपने परमाणु परीक्षण कब और कहां करेगा, बस इतना कहा, “हमारे पास टेस्टिंग साइट्स हैं, इसकी घोषणा जल्द की जाएगी।”जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इससे दुनिया एक और अधिक खतरनाक परमाणु माहौल में जा सकती है, तो ट्रम्प ने जवाब दिया, “मुझे लगता है हमने इसे काफी हद तक नियंत्रण में रखा है।”
ट्रम्प ने आगे कहा, “मैं परमाणु निरस्त्रीकरण देखना चाहूंगा। हम इस बारे में रूस से बात कर रहे हैं, और अगर कुछ होता है तो चीन को भी इसमें शामिल किया जाएगा।”अमेरिकी कांग्रेस की रिसर्च सर्विस की एक अगस्त की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के आदेश देने के बाद अमेरिका को परमाणु हथियार का परीक्षण करने में लगभग 24 से 36 महीने लगेंगे।

