टोक्योकुछ ही क्षण पहले
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मलेशिया से जापान दौरे पर रवाना हो गए हैं। वे आज जापानी पीएम साने ताकाइची के साथ ट्रेड और इन्वेस्टमेंट डील पर बात करेंगे। इससे पहले ट्रम्प आखिरी बार 2019 में जापान आए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टोक्यो में 18,000 पुलिसकर्मी तैनात हैं। ट्रम्प के रास्ते पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है और एयर स्पेस भी बंद है। यह जापान का 2002 के बाद सबसे बड़ा सिक्योरिटी ऑपरेशन है।
इसकी बड़ी वजह पिछले 5 साल में जापान के दो पूर्व पीएम पर हुए जानलेवा हमले भी हैं। जुलाई 2022 में पूर्व पीएम शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, वहीं अप्रैल 2023 तत्कालीन पीएम फुमियो किशिदा के भाषण के दौरान विस्फोटक फेंका गया था।

जापान ने 46 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट का वादा किया
जापान ने पहले ही अमेरिका में 46 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने का वादा किया है। ट्रम्प के दौरे पर इसकी डिटेल तय होंगी।
ट्रम्प चाहते हैं कि जापान अमेरिका में चिप्स, दवाइयां, जहाज और एनर्जी जैसे सेक्टर में पैसा लगाए। इससे अमेरिका में नौकरियां बढ़ेंगी और दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे।
कुछ लोग ट्रम्प के दौरे का विरोध भी कर रहे हैं। टोक्यो के शिंबाशी स्टेशन पर लोग ने ट्रम्प वापस जाओ के नारे लगाए। वे उनकी नीतियों से नाराज हैं।

ट्रम्प के दौरे से पहले उनका पोस्टर उलटा लटकाकर प्रदर्शन किया गया।
दो दिन पहले ट्रम्प और तकायची ने फोन पर बात की थी
ट्रम्प और पीएम तकायची ने शनिवार को फोन पर बात की थी। यह बातचीत 10 मिनट की थी। दोनों ने अमेरिका-जापान गठबंधन को और बेहतर करने का वादा किया। तकायची ने कहा था कि मेरे लिए यह सबसे जरूरी है।
तकायची ने एक्स पर लिखा- ट्रम्प से अच्छी बात हुई। उनकी बधाई के लिए शुक्रिया। मैं उनके साथ मिलकर हमारे गठबंधन को और मजबूत करूंगी। उन्होंने ट्रम्प से उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानी लोगों के लिए मदद मांगी और पश्चिम एशिया के हालात पर भी बात की।
ट्रम्प ने पहले तकायची की तारीफ की थी, उन्हें बुद्धिमान और ताकतवर कहा था। हालांकि ट्रम्प का अन्य नेताओं के साथ रिश्ता अक्सर बदलता रहता है। वहीं, तकायची की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को संसद में बहुमत नहीं है, जिससे उनके लिए ट्रम्प के साथ काम करना मुश्किल हो सकता है।
ट्रम्प चाहते हैं जापान अपना सुरक्षा खर्च बढ़ाए
ट्रम्प चाहते हैं कि जापान अपनी सेना पर ज्यादा पैसे खर्च करे। तकायची ने शुक्रवार को बताया था कि जापान अपने रक्षा बजट को देश की GDP का 2% तक बढ़ाएगा। यह फैसला जापान की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव है।
व्यापार के बारे में तकायची ने ज्यादा कुछ नहीं कहा। उन्होंने बताया कि वह अमेरिकी टैरिफ का असर कम करने की कोशिश करेंगी। जुलाई में हुए एक समझौते के मुताबिक जापान, अमेरिका को 15% टैरिफ देगा और वहां 550 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा। तकायची ने कहा कि वह इस समझौते को ध्यान से देखेंगी, खासकर निवेश की शर्तों को।
जापान का रूस से गैस खरीदना भी आज की मीटिंग में चर्चा में रहेगा। अमेरिका ने जापान से इसे रोकने को कहा, लेकिन जापान ने अपने हितों का हवाला देकर ऐसा करने से मना कर दिया। तकायची को पूर्व पीएम शिंजो आबे की स्टूडेंट माना जाता है। आबे और ट्रम्प का रिश्ता बहुत अच्छा था। यह तकायची के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दक्षिण कोरिया में चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे ट्रम्प
जापान के बाद ट्रम्प दक्षिण कोरिया पहुंचेंगे। जहां वे एशिया-पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यहां पर उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होगी।
ट्रम्प चीन से एक व्यापार समझौता करना चाहते हैं ताकि व्यापार युद्ध खत्म हो सके। इस समझौते में अमेरिकी सोयाबीन की खरीद, दुर्लभ मिट्टी के खनिजों पर प्रतिबंध हटाना और फेंटेनिल जैसी दवाओं के कच्चे माल पर नियंत्रण शामिल है।
अमेरिका ने फरवरी 2025 में चीन पर 10% टैरिफ लगाया था, जो अप्रैल तक 145% हो गया। ट्रम्प को लगता है कि यह डील उनकी “महान डीलमेकर” की छवि को और मजबूत करेगी।
ट्रम्प के मलेशिया पहुंचने से पहले अमेरिका और चीन के बड़े अधिकारियों ने शनिवार को कुआलालंपुर में ट्रेड वार्ता की। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ट्रेड वॉर रोकने और अगले हफ्ते दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया-पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात कराने की कोशिश कर रही हैं।
यह बातचीत तब हुई जब ट्रम्प ने 1 नवंबर से चीनी सामानों पर 100% टैक्स लगाने और अन्य व्यापार नियम कड़े करने की धमकी दी थी। यह धमकी चीन की तरफ से कुछ खास खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगाने के बाद आई थी।

