डिंडौरी के शहपुरा जनपद के बरगांव जनजातीय केंद्र परिसर में रविवार को स्वास्थ्य और दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर में 7,300 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके अ
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शिविर का मुख्य उद्देश्य जिले के सुदूर अंचलों में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोग, विशेषकर बैगा, गोंड, भरिया और सहरिया जनजातियों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं और शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदान करना था।
500 से अधिक डॉक्टर्स ने किया चेकअप
इस शिविर में जबलपुर, रीवा, शहडोल मेडिकल कॉलेज और आयुष विभाग सहित 500 से अधिक डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं दीं। आयुष विभाग के तहत 1,285 रोगियों को, होम्योपैथिक शाखा में 553 रोगियों को और यूनानी शाखा में 357 रोगियों को इलाज मिला। कुल 2,195 रोगियों का चेकअप किया गया।
दिव्यांगजनों की समस्याएं सुनी गईं
शिविर में 60 पंजीयन काउंटर स्थापित किए गए थे। मोबाइल दिव्यांग कोर्ट के माध्यम से दिव्यांगजनों के क्लेम और आवेदनों का निराकरण भी मौके पर ही किया गया। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने सामान्य मेडिकल, आंख, दंत, बाल रोग, स्त्री रोग, अस्थि रोग, त्वचा रोग, हृदय रोग और मस्तिष्क रोग का चेकअप किया।

हितग्राहियों का ब्लड टेस्ट, नाक-कान-गला परीक्षण, सिकल सेल, एनीमिया और हेपेटाइटिस की जांच की गई, साथ ही आवश्यकतानुसार निःशुल्क दवाएं भी दीं गईं।
नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट और जबलपुर जिलों से डॉक्टरों की टीमें शिविर में पहुंची थीं। इनमें गोल्डन हॉस्पिटल जबलपुर, जबलपुर हॉस्पिटल, गैलेक्सी हॉस्पिटल, नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज, ओमेगा हॉस्पिटल, मेट्रो हॉस्पिटल, एसएमसीएस जबलपुर और आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी जबलपुर के कुल 252 डॉक्टर और 714 पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, सीएचओ, स्टाफ नर्स और नर्सिंग ऑफिसर शामिल रहे।

