गयाजी में डॉक्टर्स-डे पर नरोमा फाउंडेशन ने कार्यक्रम रखा। डॉक्टरों ने नीट क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को सम्मानित किया। करीब 10 सफल बच्चों को मोमेंटो देकर उनका हौसला बढ़ाया गया। कार्यक्रम में सीनियर डॉक्टरों ने कहा कि डॉक्टर बनना सिर्फ डिग्री हासि
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सेवा की भावना के बिना मेडिकल की यात्रा अधूरी रह जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीज को इंसान समझकर ही इलाज करें, तभी आप बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे।
नीट में क्वालिफाई स्टूडेंट को किया सम्मानित।
गीत-संगीत और कथक की भी प्रस्तुति हुई
कार्यक्रम में गीत-संगीत और कथक की भी प्रस्तुति हुई। शैल कुमारी और उत्सवी ने कथक से समा बांधा, तो मनीषा की सुरीली आवाज ने महफिल में रंग भर दिया। इस बार डॉक्टर्स-डे की थीम थी- ‘बिहाइंड मास्क: केयरिंग फॉर केयर गिवर्स’ रही। इसी थीम पर डॉक्टरों ने अपने अनुभव साझा किए। यह कार्यक्रम डॉ. पवन कुमार के निर्देशन में परवान चढ़ा।
नरोमा फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ संजय कुमार ने कहा कि इस बार दो पीढ़ियों को सम्मानित किया गया। एक तरफ वे सीनियर डॉक्टर, जिन्होंने लंबे समय से सेवा दी। दूसरी ओर वे बच्चे, जो नीट पास कर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने जा रहे हैं।
डॉ. संजय ने कहा कि मेडिकल पेशा सेवा प्रधान है। जो सम्मान समाज से हमें मिलता है, वही हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है। डॉक्टर भगवान नहीं, बस कोशिश करते हैं कि हर मरीज को सही इलाज दे सकें।