लखनऊ3 मिनट पहले
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उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय ने लखनऊ के छतर मंजिल परिसर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि से हुई।
परिचर्चा में डॉ. मुखर्जी के जीवन और योगदान पर विस्तार से चर्चा की गई।
बताया गया कि उन्होंने युवा आयु में ही शिक्षा, राजनीति और समाजसेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए।
डॉ. मुखर्जी का विचार और नीतियां देश की प्रगति में मार्गदर्शक
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संदेश देता है। उनके विचार और नीतियां आज भी देश की प्रगति में मार्गदर्शक हो सकती हैं। कार्यक्रम में विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और आगंतुक मौजूद रहे।
प्रमुख उपस्थित लोगों में ज्ञानेंद्र कुमार रस्तोगी, प्रदीप सिंह, दीपा जोशी, डॉ. मनोज कुमार यादव, बलिहारी सेठ, ज्ञानप्रकाश, शशि भूषण, मनोज रावत, विभा, शुभम और निर्भय शामिल रहे।