नई दिल्ली: भारत की अदालतों में तलाक और एलिमनी से जुड़े हालिया मामलों में एक ट्रेंड है. ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें पत्नियों की मांगें सुनकर न्यायपालिका तक हैरान रह गई. लग्जरी कार, फ्लैट और करोड़ों रुपये की एलिमनी जैसी मांगें अब आम होती जा रही हैं. कई मामलों में कोर्ट ने ऐसे दावों को ‘गैरवाजिब’ करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या यह कानून का दुरुपयोग नहीं है? महिला अधिकारों की रक्षा के लिए एलिमनी कानून एक महत्वपूर्ण हथियार है. लेकिन हाल की घटनाएं बताती हैं कि कुछ मामलों में यह ‘ब्लैकमेलिंग टूल’ में बदलता जा रहा है. अदालतें अब इस पर सख्त रवैया अपना रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट: ‘इतनी पढ़ी-लिखी हो फिर भी मांग रही हो?’
एक हाई-प्रोफाइल केस में, एक MBA ग्रेजुएट महिला ने केवल 18 महीने की शादी के बाद पति से 12 करोड़ रुपये, एक BMW कार और मुंबई में एक फ्लैट की मांग की. इस पर CJI बीआर गवई ने सख्त टिप्पणी की, ‘इतनी पढ़ी-लिखी होकर खुद कमाना चाहिए, मांगना नहीं.’ महिला ने जवाब में कहा कि पति ने मानसिक बीमारी (स्किज़ोफ्रेनिया) का आरोप लगाकर तलाक की अर्जी दी है, लेकिन क्या वह बीमार दिखती है? अदालत ने यह भी कहा कि पति के पिता की संपत्ति पर महिला का कोई अधिकार नहीं है.
दिल्ली का मामला: करोड़ों की मांग, 85 साल के ससुर तक फंसे
एक अन्य मामले में, एक महिला ने शादी के कुछ महीनों बाद ही पति, 85 वर्षीय ससुर, बेटे, भतीजे और यहां तक कि पति की पहली पत्नी पर भी केस ठोक दिया. महिला ने 500 करोड़ रुपये, पुणे और भोपाल में घरों और अमेरिका स्थित बिजनेस में हिस्सेदारी की मांग रखी. शादी एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए हुई थी और पति ने इस रिश्ते की कीमत एक महीने की जेल, व्यवसाय का नुकसान और लंबी कोर्ट लड़ाई के रूप में चुकाई.
एक महिला ने अपने पूर्व पति से ₹6.16 लाख प्रति माह की एलिमनी की मांग की जिसमें ₹15,000 कपड़ों के लिए, ₹60,000 रहन-सहन और ₹4 लाख इलाज के लिए शामिल थे. जस्टिस ललिता कन्नेगंटी ने स्पष्ट कहा कि यह अदालत कोई मोलभाव का मंच नहीं है. उन्होंने महिला को चेताया कि अगली बार उसकी याचिका सीधे खारिज कर दी जाएगी यदि उसने तर्कसंगत मांग नहीं रखी.
2014 की शादी, 6 महीने साथ और फिर 13 करोड़ की डिमांड
एक और केस में, शादी के केवल 6 महीने बाद अलग रहने वाली महिला ने 13 करोड़ रुपये की एलिमनी की मांग की जबकि खुद की आय 33 लाख प्रति वर्ष थी. पति ने ₹2.5 करोड़ का ऑफर दिया लेकिन महिला नहीं मानी. उसने पति के भाइयों पर भी केस किया, जो विदेश में रहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने हाल में चेतावनी दी कि तलाक और एलिमनी के नाम पर झूठे केस और ब्लैकमेलिंग की प्रवृत्ति बढ़ रही है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई पत्नी पढ़ी-लिखी और कमाने में सक्षम है, तो उसे बिना वजह भारी एलिमनी की मांग नहीं करनी चाहिए.