प्रयागराज में कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रशासन ने हाईटेक उपाय अपनाया है। दशाश्वमेध घाट पर टीथर्ड ड्रोन की तैनाती की गई है, जिसका उद्देश्य यात्रा के दौरान होने वाली भीड़-भाड़, सुरक्षा खतरों और अनावश्यक अस
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दशाश्वमेध घाट पर प्रशासन द्वारा ड्रोन से निगरानी
प्रयागराज प्रशासन ने बताया
ड्रोन की मदद से घाट पर हो रही भीड़ का लाइव ट्रैकिंग संभव हो सकेगा। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि या आपात स्थिति का तुरंत पता चल सकेगा। इससे पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। ड्रोन से प्राप्त वीडियो फुटेज का निगरानी केंद्र में निरंतर विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था या सुरक्षा खतरे को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
12 से 14 घंटे तक लगातार उड़ सकता है,चार से पांच किलोमीटर तक देख सकते हैं
इसे विशेष रूप से कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। आने वाले लाखों की संख्या में कांवड़ियों की भीड़ को निगरानी करने के लिए लगा है। यह 120 मीटर की ऊँचाई तक उड़ सकता है और 4 -5 किलोमीटर तक जूम करके देखा जा सकता है, सीधे कन्ट्रोल रूम से निगरानी किया जाता है।
ड्रोन उड़ाने के लिए तैनात पुलिस के जवान ने बताया की यह ड्रोन लगातार 12 से 14 घंटा उड़ सकता है और 4 से 5 किलोमीटर तक निगरानी किया जा सकता है इसे यह विशेष तौर पर उनकी सुरक्षा के लिए लगाया गया है ।इसका मुख्य उद्देश्य है की किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि होती है। हम निगरानी कर सके और कार्रवाई की जा सके।

प्रशासन द्वारा दश्श्वमेध घाट पर ड्रोन से निगरानी किया जा रहा है
क्या होता है टी थर्ड ड्रोन ?
यह एक विशेष ड्रोन है, जो आम ड्रोन से काफी अलग होता है। टीथर्ड ड्रोन एक प्रकार का मानव रहित हवाई वाहन (UAV) है, जो आमतौर पर सैन्य और निगरानी कार्यों में उपयोग किया जाता है।
टीथर्ड ड्रोन की विशेषताएं: 1. निगरानी और जासूसी: टी थर्ड ड्रोन का उपयोग निगरानी और जासूसी के लिए किया जा सकता है, जिससे यह दुश्मन की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। 2. सैन्य अभियानों में लक्ष्य की पहचान: टी थर्ड ड्रोन का उपयोग सैन्य अभियानों में लक्ष्य की पहचान करने के लिए किया जा सकता है, जिससे सैन्य बलों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। 3. आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में मदद: टी थर्ड ड्रोन का उपयोग आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में मदद करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि बाढ़, तूफान, और भूकम्प जैसी आपदाओं के दौरान। 4. कृषि और पर्यावरण निगरानी: टी थर्ड ड्रोन का उपयोग कृषि और पर्यावरण निगरानी के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि फसलों की निगरानी, वनों की कटाई की निगरानी, और जल संसाधनों की निगरानी।
कई ऐसे मौके आए जब पुलिस और प्रणाली को कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ा और लोगों को रेस्क्यू करने की जरूरत पड़ी। ऐसे में तकनीकी सहायता ने पुलिस के कार्यो में काफ़ी मददगार साबित हुआ और उनकी कार्य कुशलता एंव क्षमता में वृद्धि की।