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Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने दावा किया कि उन्हें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन उन्होंने इन आदेशों का पालन नहीं किया.
हाइलाइट्स
- मालेगांव विस्फोट केस में मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था.
- पूर्व एटीएस अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद भगवा आतंकवाद को स्थापित करना था.
- मुजावर ने मालेगांव केस में एटीएस के फर्जीवाड़े पर भी हमला बोला.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपियों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेवानिवृत्त निरीक्षक महबूब मुजावर ने कहा कि भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश का उद्देश्य ‘भगवा आतंकवाद’ को स्थापित करना था.
उन्होंने कहा कि वह 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए विस्फोट की जांच करने वाली एटीएस टीम का हिस्सा थे, जिसमें छह लोग मारे गए थे और 101 अन्य घायल हुए थे. उन्होंने दावा किया कि उन्हें मोहन भागवत को “पकड़ने” के लिए कहा गया था.
उन्होंने आरोप लगाया, “मोहन भागवत जैसी बड़ी हस्ती को पकड़ना मेरी क्षमता से परे था. चूंकि मैंने आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया और इसने मेरे 40 साल के करियर को बर्बाद कर दिया.” पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके पास अपने दावों के समर्थन में दस्तावेजी सबूत हैं. उन्होंने कहा, “कोई भगवा आतंकवाद नहीं था. सब कुछ फर्जी था.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h…और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h… और पढ़ें