बुधवार देर शाम को आतंकियों की कार फरीदाबाद के खंदावली गांव में खड़ी मिली। यहां से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
दिल्ली ब्लास्ट के मामले में बुधवार देर शाम को फरीदाबाद में राउंड अप की गई संदिग्ध इको स्पोर्ट्स DL10CK-0458 नंबर की लाल रंग गाड़ी की रातभर जांच चलती रही। मौके पर NIA और NSG समेत दिल्ली से केंद्रीय एजेंसियां जांच के लिए पहुंची थीं। बम स्क्वायड भी बुला
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हालांकि, गुरुवार अलसुबह करीब 3 बजे तक भी उस गाड़ी को खंदावली गांव से नहीं ले जाया गया। ग्रामीणों के अनुसार, यह कार मंगलवार शाम से यहां खड़ी थी। गांव से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। पुलिस को इस कार में विस्फोटक होने का शक था, इसलिए इस गाड़ी को लेकर हरियाणा और यूपी में अलर्ट जारी किया गया था।
जांच में सामने आया कि दिल्ली में I-20 कार से ब्लास्ट करने वाले आतंकियों के पास एक लाल रंग की इको स्पोर्ट्स कार भी थी। यह गाड़ी दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए आतंकी डॉ. उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है।
दिल्ली पुलिस को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एक और डॉक्टर निसार उल हसन की भी तलाश है। वह दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही फरार है। कश्मीर में उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते अस्पताल से डिसमिस कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, निसार अल हसन की बेटी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ती है। जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं।
फरीदाबाद के खंदावली गांव में बुधवार देर रात दिल्ली से आई फोरेंसिक टीम जांच करती रही।
दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तार दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तार आपस में जुड़े हैं, क्योंकि इस ब्लास्ट की साजिश रचने वाले आतंकी इसी यूनिवर्सिटी में प्रैक्टिस करते और पढ़ाते थे। इस यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को विस्फोटक जमा करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है।
जबकि, यहां पढ़ाने वाले मोहम्मद उमर नबी ने 10 नवंबर की शाम को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास i-20 कार में विस्फोटक के साथ खुद को उड़ा लिया। इसके बाद कई डॉक्टरों और संदिग्धों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जानिए, मामले में कल क्या-क्या हुआ…
- पहली बार यूनिवर्सिटी का बयान आया, कहा- ड्यूटी के अलावा डॉक्टरों से कोई संबंध नहीं: बुधवार को यूनिवर्सिटी ने पहली बार बयान जारी किया। वाइस चांसलर प्रो. भूपिंदर कौर आनंद ने कहा कि हमारे 2 डॉक्टर (डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन सईद) हिरासत में हैं। उनकी ड्यूटी के अलावा यूनिवर्सिटी का इनसे कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के अंदर किसी भी तरह का केमिकल या विस्फोटक स्टोर नहीं हुआ। हमारी लैब का इस्तेमाल सिर्फ MBBS स्टूडेंट्स को पढ़ाने और ट्रेनिंग देने के लिए होता है। हर काम कानून के हिसाब से किया जाता है।
- जांच के लिए पहुंचीं केंद्रीय एजेंसियां: उधर, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच के ACP वरुण दहिया के नेतृत्व में टीमें बुधवार को फिर अल-फलाह यूनिवर्सिटी और डॉ. मुजम्मिल के ठिकानों पर पहुंची। टीम ने धौज गांव में मुजम्मिल के मकान मालिक से भी पूछताछ की। दिल्ली से भी केंद्रीय जांच टीमें यूनिवर्सिटी पहुंचीं।
- मुजम्मिल का मकान मालिक मौलवी गिरफ्तार: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मौलवी इश्तियाक को गिरफ्तार किया। उसे पूछताछ के लिए श्रीनगर ले जाया गया। मौलवी इश्तियाक वही व्यक्ति है, जिसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. मुजम्मिल शकील को अपना फतेहपुर तगा गांव वाला मकान किराए पर दिया था। 9 नवंबर को इसी घर से पुलिस ने 2563 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद कर डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया था।

फरीदाबाद में फतेहपुर तगा गांव में मौलवी का घर। यहां से पुलिस को 2563 किलो विस्फोटक मिला था।
- यूनिवर्सिटी में चेकिंग के बाद एंट्री: अल-फलाह यूनिवर्सिटी में आने वाले लोगों को चेकिंग के बाद ही अंदर जाने दिया गया। हर व्यक्ति से पूछताछ की गई। मेडिकल क्षेत्र में लगे सभी पुराने नोटिस हटा दिए गए और नए नोटिस लगाए गए।
- धौज गांव वाले घर पर शाहीन के साथ आता था मुजम्मिल: अल फलाह यूनिवर्सिटी से लगभग 300 मीटर दूर धौज गांव में जिस घर में डॉ. मुजम्मिल रहता था, वहां के एक युवक ने बताया कि मुजम्मिल को अक्सर अपनी गर्लफ्रेंड डॉ. शाहीन सईद के साथ देखा जाता था। वे दोनों हाथ पकड़कर अपने कमरे की ओर जाते थे। मुजम्मिल कभी अपनी गर्लफ्रेंड को बाइक पर लाता था, तो कभी कार में। लगभग एक महीने पहले आखिरी बार दोनों को कमरे पर आते हुए देखा गया था।

- फतेहपुर तगा में गली वाले गेट से सामान रखता था मुजम्मिल: डॉ. मुजम्मिल ने फरीदाबाद के फतेहपुर तगा में जिस मकान को किराए पर लिया था, वहां एक अन्य परिवार भी किराए पर रहता है। किराए पर रहने वाले जावेद की मां ने बताया कि मुजम्मिल जिस जगह पर रहता था, वहां दो दरवाजे थे। बाहरी दरवाजे का उपयोग वह मकान के अंदर सामान रखने के लिए करता था। लगभग 20 दिन पहले, जब मुजम्मिल कमरे में सामान रखने आया, तो उन्होंने सामग्री के बारे में पूछा। उसने जवाब दिया कि ये खाद के कट्टे हैं, और उसके बाद वह वहां से चला गया।


