नई दिल्ली2 घंटे पहले
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दिल्ली और आसपास के इलाकों में एयर क्वालिटी खराब स्तर पर है। यहां गुरुवार को ज्यादातर इलाकों में स्मॉग छाया रहा।
दिल्ली में दिवाली के बाद एयर क्वालिटी में तेजी से गिरावट आई है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता गुरुवार को भी ‘बेहद खराब’ बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के अनुसार, सुबह 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 353 दर्ज किया गया। कई इलाके ‘रेड जोन’ में हैं।
अक्षरधाम मंदिर के पास सड़कों पर विजिबिलिटी कम थी। यहां ज्यादातर इलाकों में सुबह के समय स्मॉग छाया रहा। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में AQI 300 से 400 के बीच रहा। यानी हवा की क्वालिटी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर पर है।
सबसे खराब स्थिति आनंद विहार में थी, जहां सुबह 5:30 बजे AQI 511 तक पहुंच गया। हेल्थ एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि जब तक AQI मीडियम लेवल पर न आए, दिल्ली-एनसीआर में बाहर की गतिविधियां सीमित रखें। आठ महानगरों में दिल्ली का AQI सबसे खराब रहा।

बेंगलुरु और चेन्नई में AQI 70 से नीचे रहा, जबकि अहमदाबाद और मुंबई में सुबह AQI 110 दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश का ट्रायल एक बार फिर अटक गया है। जुलाई में शुरू होने वाला यह प्रयोग अब तक नहीं हो पाया है,क्योंकि मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, जरूरी बादल मौजूद नहीं हैं।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि जैसे ही बादल मिलेंगे, तुरंत ट्रायल किया जाएगा। सभी मंजूरियां, फंड और विमान की व्यवस्था कर ली गई है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण की फुटेज…

इंडिया गेट पर गुरुवार की सुबह स्मॉग छाया रहा।

दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में गुरुवार को प्रदूषण का स्तर 300 पार रहा।

नई दिल्ली में विजिबिलिटी कम हो गई। धुंध के बीच से गुजरती मेट्रो।
दिवाली पर अंधाधुन पटाखे फोड़ने से खराब हुई हवा
सुप्रीम कोर्ट दिवाली से पहले 15 अक्टूबर को दिल्ली-NCR में 18 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की इजाजत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि 4 दिनों के दौरान, लोग सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात में 8 बजे से 10 बजे तक, यानी कुल तीन घंटे ही ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे।
हालांकि, दिल्ली-NCR में दीवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ीं। लोगों ने दिवाली और उसके अगले दिन भी पटाखे फोड़े। इससे गुरूवार सुबह दिल्ली में घनी धुंध छा गई। रात में भारी मात्रा में पटाखे फोड़े जाने के बाद एयर क्वालिटी रेड जोन में चली गई।
पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा
इससे पहले दिल्ली की भाजपा सरकार में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा पंजाब सरकार को प्रदूषण बढ़ने का जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब में पराली जलाने के वीडियो दिखाते हुए कहा- पंजाब की AAP सरकार ने किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए मजबूर किया, जिससे दिल्ली की हवा खराब हुई।

जानें GRAP के स्टेज
- स्टेज I ‘खराब’ (AQI 201-300)
- स्टेज II ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)
- स्टेज III’गंभीर’ (AQI 401-450)
- स्टेज IV ‘गंभीर प्लस’ (AQI >450)
GRAP-I लागू, N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह
GRAP-I तब सक्रिय होता है जब AQI 200 से 300 के बीच होता है। इसके तहत, एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू किया जाना है।
इनमें एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण, मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में धूल नियंत्रण करना शामिल हैं।
गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।

पराली जलाना भी प्रदूषण की एक वजह, इसे रोकने के लिए कानून भी बना
उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है।
2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी।
केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है।
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