Last Updated:
Same Tune Used in Two Bollywood Films : वैसे तो बॉलीवुड की हर फिल्म का म्यूजिक अलग होता है. हर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर फिल्म की कहानी-सिचुएशन के हिसाब से ट्यून सिलेक्ट करते हैं. फिर भी हमें कुछ फिल्मों में एक जैसी ट्यून के गाने सुनने को मिल ही जाते हैं. 2000 के दशक में हमें तीन साल के अंतराल में दो फिल्मों में एक ही ट्यून के दो गाने सुनने को मिले थे. पहली फिल्म ने जहां दर्शकों के दिल में राज किया, वहीं दूसरी फिल्म डिजास्टर साबित हुई थी. दूसरी फिल्म शाहरुख खान की थी. ये फिल्म तब आई थी जब शाहरुख खान सुपरस्टार थे. ये फिल्में कौन सी थीं और वो ट्यून कौन सी थी, आइये जानते हैं दिलचस्प किस्सा…
2000 के दशक में भी म्यूजिकल फिल्मों का दौर जारी रहा. मेलोडियस सॉन्ग का दौर जारी रहा. इसी बीच दो ऐसी फिल्में आईं जिनमें एक जैसी ट्यून देखने को मिली थी. बस गीत के बोल अलग थे. दोनों ही गानें पॉप्युलर हुए. दिलचस्प बात यह है कि पहली फिल्म के म्यूजिक ने जहां दर्शकों पर अलग छाप छोड़ी, वहीं दूसरी फिल्म डिजास्टर साबित हुई थी. ये फिल्में थीं : तुम बिन और ये लम्हे जुदाई के.

निखिल-विनय के संगीत निर्देशन में बने फिल्म ‘तुम बिन’ 13 जुलाई 2001 को रिलीज हुई थी. रेडियो-टीवी पर ही फिल्मों के गाने-म्यूजिक सुनाई देता था. फिल्म को अनुभव सिन्हा ने डायरेक्ट किया था. कम बजट की इस फिल्म के म्यूजिक का लोगों में एक अलग ही क्रेज देखने को मिला था. आज भी जब भी इस फिल्म के गाने कहीं पर सुनाई देते हैं तो मन एक पल के लिए यादों में खो जाता है.

‘तुम बिन’ फिल्म को भूषण कुमार-कृष्ण कुमार ने प्रोड्यूस किया था. भूषण कुमार कैसेट किंग गुलशन कुमार के बेटे हैं. फिल्म में हमें प्रियांशु चटर्जी, संदाली सिन्हा, हिमांशु मलिक, राकेश बापट और अमृत प्रकाश लीड रोल में नजर आए थे. इस फिल्म का म्यूजिक ब्लॉकबस्टर रहा था. फिल्म में 12 गाने रखे गए थे. सभी गाने एक से बढ़कर एक थे. फिल्म के सुपरहिट गाने थे : ”छोटी-छोटी रातें, लंबी हो जाती हैं…’, ‘तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे..’ और ‘कोई फरियाद करे’.

‘तुम बिन’ फिल्म का बजट 2.75 करोड़ का था. फिल्म ने वर्ल्डवाइड 7.5 करोड़ का कलेक्शन किया था. यह एक हिट फिल्म साबित हुई थी. ‘तुम बिन’ को सिर्फ 90 स्क्रीन पर रिलीज किया गया था. 13 जुलाई को ही अमिताभ बच्चन की अक्स फिल्म रिलीज हुई थी. धीरे-धीरे लोगों में तुम बिन की पब्लिसिटी बढ़ी. आज यह फिल्म कल्ट फिल्म में शुमार है. ‘तुम बिन’ फिल्म को IMBD पर 7.5 की रेटिंग मिली हुई है.

दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के एक गाने ‘तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे’ की ट्यून तीन साल बाद हमें ‘ये लम्हे जुदाई के’ मूवी में फिर से इस्तेमाल किया गया. गाने के बोल थे : ‘तेरा नाम लेने की चाहत हुई है, हमें तुमसे शायद मुहब्बत हुई है.’. दोनों की ट्यून सेम है. दोनों ही ट्यून निखिल-विनय ने तैयार की थी. इस गाने को योगेश गौड़ ने लिखा था जबकि ‘तुम्हारे सिवा कुछ ना चाहत करेंगे’ के गीतकार फैज अनवर थे. ‘तुम बिन’ फिल्म के एक और गाने ‘तेरे बिन जिया जाए कैसे’ की ट्यून भी ‘ये लम्हे जुदाई के’ में ‘यादें तेरी यादें’ में सुनाई देती है.

‘ये लम्हे जुदाई के’ फिल्म 9 जुलाई 2004 में रिलीज हुई थी. फिल्म में हमें शाहरुख खान, रवीना टंडन, मोहनीश बहल और नवनीत निशान लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म को बृजेंद्रनाथ तिवारी ने डायरेक्ट किया था. कहानी अनिरुद्ध तिवारी ने लिखी थी. ‘ये लम्हे जुदाई के’ 1994 में बनना शुरू हुई थी और इस फिल्म को बनकर रिलीज होने में पूरे 10 साल का समय लगा. बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म डिजास्टर साबित हुई थी.

‘ये लम्हे जुदाई के’ पूरे 10 साल बाद रिलीज हुई. ऐसे में निखिल-विनय ने इन धुनों का इस्तेमाल 2001 में आई फिल्म ‘तुम बिन’ में कर लिया. जब 2004 में फिर से फिल्म बनी तो इन धुनों पर अलग से गाने लिखे गए थे. यही वजह है कि दोनों फिल्मों में एक जैसी टुयून के गाने सुनाई देते हैं.

निखिल-विनय की जोड़ी का पूरा नाम निखिल कामथ-विनय तिवारी है. निखिल कामथ ने बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में पूरा किस्सा बताया था. उन्होंने कहा था, ‘ये लम्हे जुदाई के’ की एक चौथाई शूटिंग होने के बाद फिल्म बंद हो गई. फिल्म के सिलेक्ट की गईं ट्यून बहुत ही सुरीली थीं. एक दिन मेरे साथी विनय तिवारी ने कहा कि हमें इन ट्यून का इस्तेमाल अन्य फिल्मों में करना चाहिए. ‘तुम बिन’ में इन ट्यून का इस्तेमाल करने से पहले हमने ‘ये लम्हे जुदाई के’ के मेकर्स से परमिशन लेने का विचार किया लेकिन हमारा संपर्क नहीं हो सका. ‘तुम बिन’ सॉन्ग ने हमारी जिंदगी बदल दी थी. इसी बीच ‘ये लम्हे जुदाई के’ के डायरेक्टर बृजेंद्र तिवारी ने किसी तरह फिल्म पूरी की. हमने मेकर्स को बताया कि ये ट्यून्स ‘तुम बिन’ में यूज हो चुकी हैं. उन्होंने बुरा नहीं माना. हमने सिर्फ बैकग्राउंड स्कोर नए सिरे से तैयार किया.’

90 और 2000 के दशक में बॉलीवुड में म्यूजिक इंडस्ट्री में नदीम-श्रवण का जलवा था. जतिन-ललित की जोड़ी भी सुपरहिट थी. जतिन-ललित ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ-कुछ होता है’ जैसी फिल्में में एवरग्रीन सुपरहिट म्यूजिक देकर अपना लोहा मनवा चुके थे. इसी बीच एक और संगीतकार जोड़ी निखिल-विनय का म्यूजिक पॉप्युलर हुआ. निखिल-विनय को भी गुलशन कुमार ने ही ब्रेक दिया था. 1995 में आई फिल्म ‘बेवफा सनम’ में दोनों ने म्यूजिक दिया था. इस फिल्म को गुलशन कुमार ने प्रोड्यूस किया था. फिल्म में गुलशन कुमार के भाई कृष्ण कुमार लीड रोल में थे. इस फिल्म के दर्द भरे गाने आज भी रील्स-सोशल मीडिया पर सुनाई दे जाते हैं.

