Iran Israel War: ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए इजरायल ने जिस ताकत के साथ उस पर हमला किया है, उसके बाद पश्चिम एशिया में बड़े संकट की आहट सुनाई दे रही है. इजरायल की तरफ से ईरान के कई टॉप जनरलों और वहां के वैज्ञानिकों को मौत की नींद सुला दी गई है. उसके महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए हैं. इसके बाद अब ईरान की तरफ से इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर हाइपरसोनिक मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले कर कहर बरपाया जा रहा है.
यानी दोनों तरफ से चल रही जोरदार जंग के बीच इजरायल को भारी कीमत भी चुकानी पड़ रही है. इजरायल के डिफेंस बजट में भारी बढ़ोतरी हुई है. गाजा में कहर बरपा कर हमास को पूरी तरह से तोड़ देने वाले इजरायल को पिछले साल के आखिर तक यानी 2024 तक करीब 67.5 अरब डॉलर (250 अरब शेकेल) खर्च करना पड़ा है.
इजरायल के डिपेंस बजट दो साल में दोगुना
इजरायल किस तरह से अपने डिफेंस बजट के ऊपर खर्च कर रहा है, उसे इस डेटा से भी समझा जा सकता है. जिस इजरायल का दो साल पहले यानी 2023 में डिफेंस बजट 60 अरब शेकेल वो अब यानी ठीक दो साल बाद बढ़कर 118 अरब शेकेल तक आ गया है. दो मोर्चे पर गाजा और उसके साथ अब ईरान के साथ जंग ने इजरायल की इकोनॉमी को हिलाकर रख दिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उसने बड़ी गलती कर दी?
दरअसल, ईरान के साथ जंग में इजरायल की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान हुआ है, क्योंकि लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. कल-कारखानें बंद और दुकानों के शटर पर ताले लग गए हैं. इजरायल के फाइनेंस मिनिस्ट्री के अनुसार, सरकार को 7 करोड़ शेकेल वेतन के तौर पर हर एक लाख रिजर्व आर्मी के ऊपर खर्च करना पड़ता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा के साथ वॉर में इजरायल को रोजाना 20 करोड़ शेकेल का इजरायल को नुकसान हो रहा है.
इजरायल पर दोहरी मार
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के साथ लड़ाई में पहले ही अरतालीस घंटे के दौरान इजरायल को 1.45 अरब डॉलर यानी 5.5 अरब शेकेल खर्च करना पड़ा है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ईरान के खिलाफ फाइटर प्लेन के ईंधन और गोला-बारुद पर करीब 30 करोड़ डॉलर का रोजाना खर्च आ रहा है.
ऐसे में फेडरेशन ऑफ इजरायली चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शचर तुर्जेमन ने ईरान के साथ जंग पर इजरायल को आगा किया है. उनका कहना है कि अगर ये जंग नहीं रुकी तो इजरायल में और बड़े पैमाने पर न सिर्फ छंटी होगी, बल्कि आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ जाएंगी.