Monday, July 28, 2025
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धनखड़ के लिए फेयरवेल डिनर रखेगा विपक्ष: दावा- पूर्व उपराष्ट्रपति के जाने की संभावना कम; कांग्रेस ने संसद में विदाई समारोह की मांग की थी


नई दिल्ली1 दिन पहले

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विपक्षी नेताओं ने 24 जुलाई को राज्यसभा में 6 सदस्यों को फेयरवेल मिलने के दौरान धनखड़ को भी फेयरवेल देने की मांग की थी।

इंडिया ब्लॉक ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को फेयरवेल डिनर पर आमंत्रित किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पूर्व उपराष्ट्रपति विपक्ष न्योते पर डिनर में जाएंगे, इसकी संभावना न के बराबर है।

धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई की रात में अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, विपक्षी पार्टियां का आरोप है कि केंद्र ने धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।

74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। संसद में उनके लिए कोई विदाई समारोह नहीं हुआ, न ही उन्होंने फेयरवेल स्पीच दी। कांग्रेस ने 24 जुलाई को धनखड़ को फेयरवेल देने मांग की, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया।

राज्यसभा में गुरुवार को छह सदस्यों- अंबुमणि रामदास, वाइको, पी विल्सन, एम षणमुगम, एम मोहम्मद अब्दुल्ला और एन चंद्रशेखरन को विदाई दी गई थी। धनखड़ उपराष्ट्रपति के अलावा राज्यसभा सभापति भी थे।

धनखड़ के इस्तीफे की 2 थ्योरी

पहली: जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को त्यागपत्र सौंपा था। उन्होंने लिखा था- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।

दूसरी: कांग्रेस का आरोप है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए विपक्षी सांसदों का नोटिस स्वीकार करने के बाद धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। कुछ महीने पहले जस्टिस वर्मा के घर से नोटों की जली हुई गड्डियां बरामद हुई थीं।

धनखड़ 15 महीने रहने के बाद सरकारी बंगला छोड़ेंगे केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने 22 जुलाई को बताया कि पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ इस्तीफे के बावजूद सरकारी बंगले के हकदार हैं। धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड स्थित नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हुए थे।

उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले वीपी एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया गया था। लगभग 15 महीने तक वीपी एन्क्लेव में रहने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति को इसे छोड़ना होगा। इसके बाद धनखड़ को लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप VIII बंगला दिया जाएगा। टाइप VIII बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में I.N.D.I.A ब्लॉक जॉइंट कैंडिडेट उतार सकता है धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। चुनाव की तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी। भाजपा की तरफ से इस पद के लिए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर के नाम पर विचार चल रहा है।

वहीं, I.N.D.I.A. गठबंधन एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। न्यूज एजेंसी PTI सूत्रों के मुताबिक, भले ही NDA के पास बहुमत है, फिर भी विपक्ष मानता है कि मुकाबला पूरी तरह एकतरफा नहीं है। उसे चुनाव से पीछे नहीं हटना चाहिए।

आयोग ने इस पद के लिए निर्वाचक मंडल, रिटर्निंग ऑफिसर और अन्य जरूरी चीजों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आयोग की तैयारियों के बीच भाजपा की कोशिश होगी कि इस पद का उम्मीदवार किसी अन्य सहयोगी को बनाने की जगह अपने उम्मीदवार का नाम तय कर उसके नाम पर सहयोगी दलों को राजी करे।

6 स्टेप में चुन जाते हैं उपराष्ट्रपति…

स्टेप-1 : निर्वाचक मंडल का गठन करना उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।

स्टेप-2: चुनाव की अधिसूचना जारी होना निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना में नामांकन, मतदान और परिणाम की तारीखें होती हैं।

स्टेप-3: नामांकन प्रक्रिया उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों द्वारा प्रस्तावक और 20 सांसदों द्वारा समर्थक के रूप में हस्ताक्षर के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होता है।

स्टेप-4 : सांसदों के बीच प्रचार होता है केवल सांसद मतदाता होते हैं। इसलिए यह प्रचार सीमित दायरे में होता है। उम्मीदवार और उनके समर्थक दल प्रचार में शामिल होते हैं।

स्टेप-5: मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी हर सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता के क्रम में (1, 2, 3…) अंकित करता है।

स्टेप-6: मतों की गिनती और परिणाम जीत के लिए कुल वैध मतों का साधारण बहुमत (50% से अधिक) प्राप्त करना होता है। रिटर्निंग ऑफिसर नतीजे की घोषणा करते हैं।

संसद में NDA के पास बहुमत

  • लोकसभा में कुल 542 सदस्यों में से NDA के पास 293 और I.N.D.I.A. गठबंधन के पास 234 सदस्य हैं।
  • राज्यसभा में 240 सदस्यों की प्रभावी संख्या में से NDA को करीब 130 और I.N.D.I.A. गठबंधन को 79 सांसदों का समर्थन है।
  • कुल मिलाकर NDA के पास 423 और INDIA ब्लॉक के पास 313 सांसदों का समर्थन है। शेष सदस्य किसी भी खेमे से जुड़े नहीं हैं।

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